मानव मस्तिष्क – The Human Brain Parts, weight, Picture

मानव मस्तिष्क ( the diagram of the human brain )

The Human Brain Parts, Weight, Picture, Function
The Human Brain Parts, Weight, Picture, Function

मानव मस्तिष्क ( The Human Brain Weight ) का भार लगभग 1300 से 1400 ग्राम होता है।

मानव मस्तिष्क ( Human Brain ) के ऊपर मेनिनजेस नामक झिल्ली पायी जाती है।

यह तन्त्रिका तन्त्र का सबसे महत्वपूर्ण भाग है।

यह शरीर का नियन्त्रण केन्द्र होता है।

यह भी 3 उप–भागों में विभक्त किया जाता है- ”

प्रमस्तिष्क ( Cerebrum ) : यह मानव मस्तिष्क/Manav Mastishk का अग्रभाग होता है।

इसका बाह्य भाग धूसर (Gray) द्रव्य और आन्तरिक भाग- श्वेत पदार्थों ( White Matter ) का बना होता है।

इसका कार्य ऐच्छिक क्रियाओं (दृष्टि, स्पर्श, श्रवण, स्वाद, गन्ध आदि) और बुद्धि-विवेक पर नियन्त्रण करना है।

यह मानव मस्तिष्क/Manav Mastishk का सबसे बड़ा भाग होता है।

शरीर में ताप का नियन्त्रण इसी भाग से होता है।

अनुमस्तिष्क (Cerebellum) : यह मस्तिष्क का पश्च भाग होता है।

इसमें धूसर (Gray) पदार्थ की मात्रा कम होती है। यह शरीर सन्तुलन का कार्य करता है।

खड़े होने, नृत्य, टहलने, दौड़ने, साइकिल चलाने इत्यादि के दौरान शरीर का सन्तुलन अनुमस्तिष्क करता है।

अन्तस्था ( Medulla Oblongata ) : यह मस्तिष्क का सबसे पिछला भाग होता है जो रीढ़ रज्जु से जुड़ा हुआ है।

यह अनैच्छिक एवं स्वचालित क्रियाओं, जैसे- फेफड़े के कार्य, हृदय के कार्य, पाचन तन्त्र, रक्त प्रणाली, उत्सर्जन तन्त्र के कार्यों, श्वास-दर, रक्त दाब, शरीर-ताप इत्यादि पर नियन्त्रण रखता है।

(ii) मेरूरज्जु (Spinal Cord ) : अन्तस्थ मस्तिष्क आगे चलकर मेरूरज्जु में परिवर्तित हो जाता है।

मेरूरज्जु, मेयदण्ड के भीतर 3 झिल्लियों- क्रमशः मृदुतानिका (Piamater), जालतानिका (Archnoid), क्लूरामेटर (Cluramater) से घिरी होता है।

मेरूरज्जु का मुख्य कार्य-संवेदी अंगों से संवेदना (संदेश) को मस्तिष्क के अभीष्ट अवयवों तक पहुँचाना तथा मस्तिष्क के आदेश
को कार्य स्थल तक पहुँचाना होता है।

(iii) तन्त्रिकाएं ( Nerves ) : ये तन्तुओं (Fibres) के समूह होते हैं।

ये संवेदी अंगों की सूचनाओं को मेरूरज्जु या मस्तिष्क तक पहुँचाती हैं।

मेरूरज्जु आगे बढ़कर शाखाओं में विभाजित होकर तन्त्रिकाओं में परिवर्तित हो जाता है।

मन-मस्तिष्क एवं स्वास्थ्य

  • एक पुरानी कहावत है कि एक स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ मन का वास होता है।
  • वर्तमान समय में यह कहावत बिलकुल सही सिद्ध हुई है एवं इसका दूसरा पक्ष भी उतना ही सही है।
  • हमारा शारीरिक स्वास्थ्य बहुत सीमा तक हमारी मानसिक स्थितियों पर निर्भर करता है।
  • तनाव, स्वस्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं और स्वस्थ मानसिक स्थिति शारीरिक स्वास्थ्य के अनुकूल होती है।
  • मनोतंत्रिका प्रतिरक्षाविज्ञान (Psychoneuroimmunology) की समग्रतात्मक संकल्पना पूर्णतः इसी पर आधारित है।
  • इसके अनुसार हमारे स्वास्थ्य के लिए हमारी मानसिक स्थितियां, मस्तिष्क, अन्तःस्रावी तंत्र एवं प्रतिरक्षा तंत्र सामूहिक रूप से कार्य करते हैं और ये सब आपस में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से जुड़ कर समस्थापन का कार्य करते हैं।
  • इनकी अन्तःक्रिया हमारे स्वास्थ्य के रूप में परिलक्षित होती है।
  • स्वास्थ्य की यह संकल्पना कोई बहुत नई नहीं है।
  • हमारे पारंपरिक चिकित्साविज्ञान (आयुर्वेद) में शारीरिक स्वास्थ्य के लिए मानसिक शुचिता पर बल दिया गया है।
  • योगविज्ञान में बताए गए प्राणायाम तथा आसन, मन एवं शरीर को स्वस्थ रखने के साधन कहे गए हैं।
  • वर्तमान शोध भी इस बात की ओर संकेत करते हैं कि यौगिक आसन एवं प्राणायाम यदि सही विधि एवं नियमित रूप से किये जाएं तो उनसे बहुत लाभ मिल सकता है।

मस्तिष्क का संज्ञानात्मक निरूपण

  • संज्ञानात्मक निरूपण के लिए मस्तिष्क के विभिन्न भाग अलग-अलग और एक साथ उत्तरदाई होते हैं।
  • उदाहरण के लिए देखने के लिए दृश्य क्षेत्र, सुनने के लिए श्रव्य क्षेत्र, गति के लिए अनुमस्तिष्क का क्षेत्र उत्तरदाई होता है।
  • कभी-कभी किसी विशेष ध्वनि के साथ किसी दृश्य की संकल्पना भी सामने आती है।
  • ऐसा मानव मस्तिष्क ( Human Brain / Manav Mastishk ) के विभिन्न भागों के आपसी सह संबधों के पूर्ण विकसित क्रियात्मक संजाल के कारण होता है।
  • मस्तिष्क के शोधों में विशेष रूप से एफ.एम.आर.आई. यन्त्र तुलनात्मक रूप से नया है और बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है।
  • यह यंत्र मस्तिष्क के क्रियात्मक एवं संरचनात्मक दोनो तरह के निरूपण के लिए उपयुक्त होता है।
  • किसी विशेष संज्ञानात्मक कार्य के लिए (उदाहरण के लिए दृश्य परिकल्पना) मस्तिष्क के किसी एक विशेष संबंधित भाग की क्रियाशीलता बढ़ जाती है और उसके साथ ही उस भाग में ग्लूकोज एवं आक्सीजन की खपत भी बढ़ जाती है।
  • इसके फलस्वरूप उस भाग में आक्सीहीमोग्लोबिन और कार्बाक्सीहीमोग्लोबिन का संतुलन तुलनात्मक रूप से बदल जाता है।
  • इन दोनो अणुओं के चुंबकीय गुण अलग होते हैं।
  • चुंबकीय अनुनाद पर आधारित यह यंत्र इस परिवर्तन के आधार पर मस्तिष्क का एक स्पष्ट एवं त्रिविमीय प्रतिबिंब निरूपित करता है जिसमे मस्तिष्क के क्रियाशील भाग स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं।

the human brain weight ?

मानव मस्तिष्क ( Human Brain / Manav Mastishk ) का भार लगभग 1300 से 1400 ग्राम होता है।

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