मुस्लिम त्यौहार
मुस्लिम त्यौहार ‘हिजरी संवत्’ के अनुसार मनाए जाते हैं।
622 ई. में मोहम्मद साहब मक्का छोड़कर मदीना गये थे, इसी दिन से हिजरी संवत् का प्रारम्भ माना जाता
मोहर्रम
- हिजरी संवत् का पहला महीना मोहर्रम की 10 वीं तारीख को हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हुसैन करबला के मैदान में शहीद हो गयेथे, इसलिए इस दिन ताजिये निकाले जाते हैं।
- 27 वीं तारीख को गलियाकोट (डूंगरपुर) में सैय्यद फखरूद्दीन का उर्स।
सफर
- 20 वीं तारीख को चेहल्लम मनाते हैं। (हुसैन के चालीस दिन पूरे हुये थे।)
रबी – उल – अव्वल
- 12 वीं तारीख को बारावफात (ईद- मिलादुलनवी) मनाते हैं।
- हजरत मोहम्मद साहब का जन्म (570ई.) व मृत्यु (632ई.) इसी दिन हुयी थी।
रबी – उस सानी
जमात – उल – अव्वल
जमात उस सानी
8वीं तारीख को ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती का जन्मदिन। (संजरी- फारस)
रज्जब
- 1 से 6 तारीख तक ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती का उर्स।
- इस उर्स में भीलवाड़ा का गौरी परिवार बुलन्द दरवाजे पर झंडा चढ़ाता हैं।
शाबान
- शाबान महीने की 14 वीं तारीख हजरत मोहम्मद साहब की खुदा से मुलाकात हुयी थी, इसलिए इसको शब (शत) – बरात कहते हैं।
- मुसलमान इस दिन अपने कर्मो का प्रायश्चित करते हैं।
- मक्का की हीरा पहाड़ी पर मुसलमान एकत्रित होते हैं।
रमजान
- मुसलमान, इस महीने में रोजे रखते हैं।
- रमजान की 27 वीं तारीख को ‘शवे कद्र’ कहते हैं इस दिन कुरान शरीफ का धरती पर अवतरण हुआ था।
शव्वाल
- शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर, (मीठी ईद) / सेवईयों की ईद मनाया जाता हैं।
- यह भाईचारे का त्यौहार हैं।
जिल – कद्र
जिल्हिज
- 10वीं तारीख को ईद-उल-जुहा- बकर ईद/कुर्बानी का त्यौहार होता हैं।
- इस महीने में मुसलमान हज के लिए जाते हैं।
- जिल्हिज की 8 से 10 तारीख तक हज के लिए जाते हैं।
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