राज्य » कार्यपालिका, विधान मंडल, उच्च न्यायालय, अधीनस्थ न्यायालय
अध्याय 1- साधारण ( General )
- अनुच्छेद 152 : परिभाषा
अध्याय 2- कार्यपालिका ( The Executive )
राज्यपाल ( The Governor )
- अनुच्छेद 153 : राज्यों के राज्यपाल
- अनुच्छेद 154 : राज्य की कार्यपालिका शक्ति
- अनुच्छेद 155 : राज्यपाल की नियुक्ति
- अनुच्छेद 156 : राज्यपाल की पदावधि
- अनुच्छेद 157 : राज्यपाल नियुक्त होने के लिए अर्हताएं
- अनुच्छेद 158 : राज्यपाल के पद के लिए शर्ते
- अनुच्छेद 159 : राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- अनुच्छेद 160 : कुछ आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन
- अनुच्छेद 161 : क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति
- अनुच्छेद 162 : राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
मंत्रि-परिषद ( Council Of Ministers )
- अनुच्छेद 163 : राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि परिषद
- अनुच्छेद 164 : मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध
राज्य का महाधिवक्ता ( Advocate General For The State )
- अनुच्छेद 165 : राज्य का महाधिवक्ता
सरकारी कार्य का संचालन ( Conduct Of Government Business )
- अनुच्छेद 166 : राज्य की सरकार के कार्य का संचालन
- अनुच्छेद 167 : राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य
अध्याय 3- राज्य का विधान मंडल ( The State Legislature )
साधारण ( General )
- अनुच्छेद 168 : राज्यों के विधान-मंडलों का गठन
- अनुच्छेद 169 : राज्यों में विधान परिषदों का उत्पादन या सृजन
- अनुच्छेद 170 : विधान सभाओं की संरचना
- अनुच्छेद 171 : विधान परिषदों की संरचना
- अनुच्छेद 172 : राज्यों के विधान मंडलों की अवधि
- अनुच्छेद 173 : राज्य के विधान-मंडल के सत्र, सत्रावसान और विघटन
- अनुच्छेद 174 : राज्य के विधान-मंडल के सत्र, सत्रावसान और विघटन
- अनुच्छेद 175 : सदन या सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल का अधिकार
- अनुच्छेद 176 : राज्यपाल का विशेष अभिभाषण
- अनुच्छेद 177 : सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार
राज्य के विधान-मंडल के अधिकारी ( Officers Of The State Legislature )
- अनुच्छेद 178 : विधानसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- अनुच्छेद 179 : अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
- अनुच्छेद 180 : अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति को शक्ति
- अनुच्छेद 181 : जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
- अनुच्छेद 182 : विधान परिषद का सभापति और उपसभापति
- अनुच्छेद 183 : सभापति और उपसभापति का पद रिक्त होना पदत्याग और पद से हटाया जाना
- अनुच्छेद 184 : सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उपसभापति या किसी अन्य को शक्ति
- अनुच्छेद 185 : जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
- अनुच्छेद 186 : अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते
- अनुच्छेद 187 : राज्य के विधान-मंडलों का सचिवालय
कार्य संचालन ( Conduct Of Business )
- अनुच्छेद 188 : सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- अनुच्छेद 189 : सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी | सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
सदस्यों की निरर्हताएं ( Disqualificationjof Members )
- अनुच्छेद 190 : स्थानों का रिक्त होना
- अनुच्छेद 191 : सदस्यता के लिए निरर्हताएं
- अनुच्छेद 192 : सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय
- अनुच्छेद 193 : अनुच्छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञा करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शक्ति
राज्यों के विधान-मंडलों और उनके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां ( Powers, Priviledges And Immunities Of State Legislatures And Their Members )
- अनुच्छेद 194 : विधान-मंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार आदि
- अनुच्छेद 195 : सदस्यों के वेतन और भत्ते
विधायी प्रक्रिया ( Legislative Procedure )
- अनुच्छेद 196 : विधेयकों के मुरःस्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध
- अनुच्छेद 197 : धन विधेयकों से मित्र विधेयकों के बारे में। विधान परिषद की शक्तियों पर निर्बधन
- अनुच्छेद 198 : धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
- अनुच्छेद 199 : ‘धन विधेयक’ की परिभाषा
- अनुच्छेद 200 : विधेयकों पर अनुमति
- अनुच्छेद 201 : विचार के लिए आरक्षित विधेयक
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया ( Procedure In Financial Matters )
- अनुच्छेद 202 : वार्षिक वित्तीय विवरण
- अनुच्छेद 203 : विधान-मंडल में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया
- अनुच्छेद 204 : विनियोग विधेयक
- अनुच्छेद 205 : अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
- अनुच्छेद 206 : लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
- अनुच्छेद 207 : वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
साधारणतया प्रक्रिया ( Procedure Generally )
- अनुच्छेद 208 : प्रक्रिया के नियम
- अनुच्छेद 209 : राज्य के विधान-मंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
- अनुच्छेद 210 : विधान-मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा
- अनुच्छेद 211 : विधान-मंडलों में चर्चा पर निबंधन अनुच्छेद 212 : न्यायालयों द्वारा विधान-मंडल की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
अध्याय 4- राज्यपाल की विधायी शक्ति ( Legislative Powers Of The Governor )
- अनुच्छेद 213 : विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति
अध्याय 5 – राज्यों के उच्च न्यायालय ( The High Courts Of The States )
- अनुच्छेद 214 : राज्यों के लिए उच्च न्यायालय
- अनुच्छेद 215 : उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
- अनुच्छेद 216 : उच्च न्यायालयों का गठन ।
- अनुच्छेद 217 : उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्ते
- अनुच्छेद 218 : उच्चतम न्यायालय से संधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों को लागू होना
- अनुच्छेद 219 : उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- अनुच्छेद 220 : स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात्वि विधि-व्यवसाय पर निर्बधन ।
- अनुच्छेद 221 : न्यायाधीशों के वेतन आदि
- अनुच्छेद 222 : किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण ।
- अनुच्छेद 223 : कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
- अनुच्छेद 224 : अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 224-क : उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवा निवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 225 : कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
- अनुच्छेद 226 : कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
- अनुच्छेद 226-क : (निरसित) ।
- अनुच्छेद 227 : सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति ।
- अनुच्छेद 228 : कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण |
- अनुच्छेद 228-क : (निरसित)
- अनुच्छेद 229 : उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
- अनुच्छेद 230 : उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्यक्षेत्रों पर विस्तार
- अनुच्छेद 231 : दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
अध्याय 6- अधीनस्थ न्यायालय ( Subordinate Courts )
- अनुच्छेद 233 : जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 233-क : कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा दिए गए निग्रयों आदि का विधिमान्यकरण
- अनुच्छेद 234 : न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती ।
- अनुच्छेद 235 : अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
- अनुच्छेद 236 : निर्वचन
- अनुच्छेद 237 : कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपबन्धों का लागू होना
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