भारतीय संविधान की विशेषताएं – Features Of Indian Constitution
- भारतीय संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन प्रस्तावों के अनुसार किया गया।
- इसके गठन के लिए जुलाई-अगस्त 1946 में चुनाव हुआ।
- 3 जून 1947 के भारत संविधान की योजना की घोषणा के बाद इसका पुनर्गठन हुआ तथा पुनर्गठित संविधान सभा की संख्या 299 थी।
- संविधान सभा के वैधानिक सलाहकार (Constitutional Advisor) के पद पर बी. एन. राव को नियुक्त किया गया।
- 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा ने डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की अध्यक्षता में प्रारूप समिति (Drafting Committee) का गठन किया।
- 15 नवम्बर 1948 को संविधान के प्रारूप पर प्रथम वाचन प्रारम्भ हुआ।
- 26 नवम्बर 1949 को संविधान के प्रारूप पर अन्तिम वाचन हुआ और इसी दिन संविधान सभा द्वारा पारित कर दिया गया।
- 26 नवम्बर 1946 को संविधान के उन अनुच्छेदों को प्रस्तावित कर दिया गया जो नागरिकता निर्वाचन तथा अंतरिम संसद से सम्बन्धित थे।
- संविधान सभा का अंतिम दिन 24 जनवरी 1950 था और उसी दिन संविधान पर संविधान सभा के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर कर दिया गया।
- संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा।
- वर्तमान में संविधान में 444 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ हैं।
- “पंथनिरपेक्ष‘, “समाजवाद” तथा “अखण्डता” शब्द संविधान की उद्देशिका में 42 वें संशोधन के द्वारा 1976 में जोड़े गये।
- भारत की उद्देशिका में प्रयुक्त “गणतन्त्र‘ शब्द का तात्पर्य यह है कि भारत का राज्याध्यक्ष वंशानुगत (hereditary) नहीं होगा।
- उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार-संविधान की उद्देशिका संविधान का एक भाग है और इसमें संशोधन किया जा सकता है (केशवानंद भारती बनाम केरल – 1973 ई.)।
- प्रो. व्हीयर ने भारत के संविधान को अर्द्धसंघीय (Quasifederal) संविधान कहा है।
- राज्य पुनगर्छन अधिनियम 1956 द्वारा भाषाई आधारों पर राज्यों का पुनगर्छन किया गया।
- भारतीय संविधान में नागरिकता शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है तथा इसके सम्बन्ध में अनुच्देद 5 से 11 तक में प्रावधान किया गया है।
- संविधान के अनुसार कुछ पद केवल भारतीय नागरिकों के लिए आरक्षित है, जैसे- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, महान्यायवादी राज्यपाल एवं महाधिवक्ता का पद।
- संविधान के 44 वें संशोधन द्वारा सम्पत्ति के मूलाधिकार को समाप्त करके इस अनुच्छेद 300(क) के अर्न्तगत रखा गया है। अब यह केवल एक विधिक (Legal) अधिकार रह गया है।
- अनु. 15, 16, 19, 29 तथा 30 द्वारा प्रतयाभूत मूलाधिकार केवल नागरिकों को ही प्रदान किये गये हैं। शेष सभी मूलाधिकार नागरिकों तथा अन्य व्यक्तियों को प्रदान की गयी है।
- मूल कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन द्वारा 1976 में जोड़ा गया।
- राष्ट्रपति अपने पद पर रहते हुये किसी भी कार्य के लिए न्यायालय में उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।
- भारत में केवल नीलम संजीवा रेड्डी ही र्निविरोध राष्ट्रपति चुने गये।
- भारत के दो राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन तथा फखरूद्दीन अली अहमद की अपने कार्यकाल के दौरान ही मृत्यु हुयी थी।
- भारत के मुख्य न्यायधीश मोहम्मद हिदायतुल्लाह ने दो बार कार्यकारी राष्ट्रपति के पद का निर्वहन किया था।
- भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है तथा इसी पद के कारण उसका वेतन दिया जाता है।
- संघ शासन की वास्तविक शक्ति केन्द्रीय मंत्रिमंडल में निहित होती है, जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होता है।
- प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य यह है कि संघ के शासन की जानकारी राष्ट्रपति को दे
- प्रधानमंत्री लोकसभा के बहुमत दल का नेता होता है।
- केन्द्रीय मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामुहिक रूप से उत्तरदायी होती है।
- संसद के तीन अंग होते हैं- लोकसभा, राज्यसभा और राष्ट्रपति।
- सरकार के तीन अंग होते हैं- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका।
- राज्यसभा का गठन 3 अप्रैल 1952 को हुआ और इसकी पहली बैठक 13 मई 1952 को हुयी।
- राज्यसभा के सदस्यों के पहले समूह की सेवा निवृत्ति 2 अप्रैल 1954 को हुयी।
- लोकसभा के परिक्षेत्र का परिसीमन आयोग द्वारा किया जाता है।
- प्रथम लोकसभा की पहली बैठक 13 मई 1952 को हुई और 4 अप्रैल 1957 को पहली लोकसभा राष्ट्रपति द्वारा विघटित कर दी गयी।
- राज्यसभा तथा लोकसभा के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है।
- लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर थे। पं. जवाहर लाल नेहरू ने इन्हें संसद का पिता या जनक कहा था।
- संयुक्त संसदीय समिति में लोकसभा को दो तिहायी तथा राज्यसभा के एक तिहायी सदस्य होते हैं।
- धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है।
- धन विधेयक के सम्बन्ध में राज्यसभा को केवल सिफारिशी अधिकार है।
- राज्यपाल विधान मंडल के सत्रावसान काल में अध्यादेश जारी कर सकता है। यह अध्यादेश 6 माह तक प्रभावी रहता है।
- राज्यों की मंत्रिपरिषद सामुहिक रूप से विधानसभा के प्रति उत्तरदायी होती है तथा प्रत्येक मंत्री व्यक्तिगत रूप से राज्यपाल के प्रति उत्तरदायी होता है।
- राज्य विधानमंडल में राज्यपाल तथा विधानसभा और विधान परिषद शामिल होता है।
- राज्य के विधानसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 500 और न्यूनतम संख्या 60 होगी।
- विधानसभा की गणपूर्ति संख्या कुल सदस्यों का 1/10 है। परन्तु यह किसी भी दशा में 10 सदस्य से कम नहीं होगी।
- संविधान के अनुच्छेद 370 द्वारा जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है।
- जम्मू-कश्मीर राज्य विधानसभा में दो महिलाओं को राज्यपाल नामजद करते हैं।
- राष्ट्रपति जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में वित्तीय आपात की घोषणा नहीं कर सकते।
- राज्य के नीति-निर्देशक तत्वों से सम्बन्धित संविधान के भाग 4 के प्रावधान जम्मू-कश्मीर राज्य केविषय में लागू नहीं होते हैं।
- जम्मू-कश्मीर राज्य का अपना संविधान है, जो एक पृथक संविधान सभा द्वारा बनाया गया है और यह संविधान 26 नवम्बर 1957 को लागू कर दिया गया।
- भारत में केवल दो संघ शासित राज्यां में विधान सभायें हैं- दिल्ली और पांडिचेरी।
- भारत में उच्च न्यायालय की संख्या 21 है। देश में छ: ऐसे राज्य हैं जहाँ पर विधान परिषदों का गठन किया गया है- 1. उत्तर प्रदेश, 2. बिहार, 3. महाराष्ट्र, 4. कर्नाटक, 5. जम्मू-कश्मीर और 6. आन्ध्र प्रदेश।
- 4 अप्रैल, 2007 को आन्ध्र प्रदेश में पुनः विधानपरिषद का गठन किया गया।
- राष्ट्रपति प्रत्येक पाँचवे वर्ष वित्त आयोग का गठन करता है।
- प्रथम वित्त आयोग का गठन 1951 में किया गया था।
- भारतीय संविधान के प्रवर्तित होने के बाद पहली बार राष्ट्रपति शासन पंजाब में लागू किया गया।
- संविधान सभा के 284 सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किये।
- जब भारत आजाद हुआ तो उस समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लामेंट एटली थे।
- जब भारत आजाद हुआ तो उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष जे. पी. कृपलानी थे।
- 15 अगस्त, 1947 से 26 जनवरी 1950 के मध्य भारत-ब्रिटिश राष्ट्रकुल का एक अधिराज था।
- भारतीय संविधान 22 भागों में विभाजित किया गया है।
- भारतीय संविधान के प्रस्तावना के अनुसार भारत की शासन की सर्वोच्च सत्ता भारतीय जनता में निहित है।
- भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के स्थगन सम्बन्धी कार्यपालिका के अधिकारों को जर्मनी के संविधान से लिया गया है।
- भारत संविधान संशोधन की प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से ली गयी है।
- राज्य पुर्नगठन अधिनियम 1956 में पारित किया गया, इसके अध्यक्ष फजल अली थे।
- संविधान में प्रेस की स्वतंत्रता का अलग से प्रबन्ध नहीं किया गया है। यह अनुच्छेद 19(1)A से अंर्तनिहित है।
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने संवैधानिक उपचारों के अधिकार को संविधान का हृदय व आत्मा कहा है।
- 42वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में मूल कर्तव्यों को शामिल किया गया है।
- इन्हें संविधान के भाग IV ए और अनुच्छेद 51 ए में शामिल किया गया है।
- राष्ट्रीय आपात की स्थिति में मौलिक अधिकारों का हनन हो जाता है।
- संविधान में 10 मौलिक कर्तव्यों कावर्णन किया गया है।
- मूल कर्तव्य (अनु0 51 क) को 42वें संविधान संशोधन 1976 में जोड़ा गया।
- 86वें संविधान संशोधन द्वारा एक मूल कर्तव्य और जोड़ा गया जिससे इसकी संख्या अब ग्यारह हो गई।
- “राज्य का नीति निर्देशक तत्व एक ऐसा चेक है जो बैंक की सुविधानुसार अदा किया जाएगा”- के. टी. शाह
- संविधान में नीति निर्देशक तत्वों को शामिल करने का | उद्देश्य सामाजिक लोकतंत्र की स्थापना करना था।
- पहला संवैधानिक संशोधन 1951 में बनाया गया।
- 42वें संविधान संशोधन को लघु संविधान कहा जाता है।
- 42वें संविधान अधिनियम स्वर्ण सिंह समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया था।
- 52वें संविधान संशोधन विधेयक 1985 दल-बदल से सम्बन्धित था।
- भारतीय संविधान में सर्वाधिक बार संशोधन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कार्यकाल में हुये।
- भारत का राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रमुख है। शासन का प्रमुख मंत्रिपरिषद और प्रधानमंत्री होता है।
- भारतीय संविधान के अनुसार केन्द्र की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होता है।
- राष्ट्रपति के वेतन एवं भत्ते आयकर मुक्त है।
- राष्ट्रपति के पद के रिक्त होने से 6 माह के भीतर अगले राष्ट्रपति का चुनाव हो जाना चाहिए।
- 1952 में राष्ट्रपति के निर्वाचन के समय विपक्षी दलों का उम्मीदवार श्री के.टी. शाह थे।
- राष्ट्रपति पद पर सर्वाधिक समय तक रहने वाले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे एवं सबसे कम समय तक रहने वाले डॉ. जाकिर हुसैन थे।
- राष्ट्रपति पद पर सबसे कम उम्र का राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य नीलम संजीव रेड्डी को प्रापत हुआ तथा सबसे अधिक उम्र के. आर. वेंकट रमन राष्ट्रपति बने।
- किस कार्यवाहक राष्ट्रपति ने त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ा और विजयी हुआ- वी.वी. गिरी।
- नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति बनने से पूर्व लोक सभा अध्यक्ष रह चुके थे।
- भारत के राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति ब्रिटेन की महारानी से मिलती जुलती है।
- संविधान के अनुच्छेद 123 के अर्न्तगत राष्ट्रपति अध्यादेश जारी करता है।
- राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश संसद का सभा प्रारम्भ होने के 6 सप्ताह तक प्रभावी रहता है।
- राष्ट्रपति द्वारा आपात काल की उद्घोषणा के 30 दिन के भीतर संसद की स्वीकृति आवश्यक होता है।
- संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन होने के 6 माह बाद,तक आपात काल प्रभावी रहता है।
- आपात काल के दौरान संसद लोकसभा का कार्यकाल एक वर्ष बढ़ा सकती है।
- 42वें संविधान संशोधन द्वारा आपात काल की अवधिको 6 माह से बढ़ा कर एक वर्ष कर दिया गया है।
- हिन्दू आचार संहिता विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद से विवाद हुआ था।
- भारत के उपराष्ट्रपति की तुलना संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति से की जा सकती है।
- सर्वाधिक समय तक उपराष्ट्रपति रहने का गौरव डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को है।
- मन्त्री परिषद का कोई सदस्य बिना किसी सदन का सदस्य रहे 6 माह तक मन्त्री का पद धारण कर सकता मन्त्री परिषद में तीन स्तर के मन्त्री होते हैं- 1. केबिनेट, 2. राज्य, 3. उपमंत्री
- सामूहिक रूप से मन्त्री परिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होता है।
- प्रधानमंत्री पद पर सबसे कम समय तक रहने वाले अटल बिहारी बाजपेयी थे (13 दिन)।
- दो बार कार्यकारी प्रधानमंत्री के रूप में पद संभालने वाले व्यक्ति गुलजारी लाल नन्दा थे।
- सबसे कम उम्र में भारत का प्रधानमंत्री राजीव गांधी बने और सबसे अधिक उम्र में मोरार जी देसाई ।
- प्रधान मंत्री पद से त्यागपत्र देने वाले पहले व्यक्ति मोरार जी देसाई थे।
- भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल थे।
- संघीय मंत्री परिषद से त्यागपत्र देने वाले पहले मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे।
- सबसे कम अवधि (5 दिन) तक मंत्री रहने का कीर्तिमान एच. आर. खन्ना के नाम है। वह विधि विभाग के मंत्री थे।
- भारत की सम्परीक्षा और लेखा प्रणालियों का प्रधान नियन्त्रक एवं महालेख परीक्षक (Controller and Auditor General of India) होता है।
- नियन्त्रक अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है।
- लोक सभा संसद का निम्न सदनों (लोर हाउस) तथा राज्य सभा उच्च सदन (अपर हाउस) है।
- वर्तमान में लोक सभा के सदस्यों की संख्या 545 तथा राज्य सभा के सदस्यों की संख्या 245 है।
- राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव उस राज्य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्य करते हैं।
- राज्य सभा में सर्वाधिक प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश के हैं।
- राज्य सभा सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है।
- राज्य सभा के उप सभापति का चुनाव राज्य सभा के सदस्य करते हैं।
- मूल संविधान में लोकसभा की संख्या 525 निर्धारित की गई थी।
- लोक सभा की वर्तमान सदस्य संख्या 2026 ई. तक अपरिवर्तित रहेगी।
- आपात काल के दौरान संसद लोकसभा का कार्यकाल एक बार मे एक वर्ष तक बढ़ा सकती है।
- लोकसभा की गणपूर्ति कुल सदस्य संख्या का 1/10 भाग प्रथम लोक सभा का अध्यक्ष जी.वी. मावलंकर थे। उन्हें लोक सभा का पिता भी कहा जाता है।
- ब्रिटिश परम्पराओं के अनुसार लोक सभा अध्यक्ष बनने के बाद श्री नीलम संजीव रेड्डी ने अपनी पार्टी की सदस्यता त्याग दी थी।
- लोक सभा का पहला आम चुनाव 1951-52 के शीतकाल में हुआ था।
- प्रथम लोकसभा के चुनाव के लिए कुल मतदाताओं की संख्या 17.32 करोड़ थी।
- दूसरी लोकसभा में सर्वाधिक (12) निर्विरोध सांसद चुने गये थे।
- 1977 के लोक सभा के निर्वाचन में जनता पार्टी को 265 सीटें मिली थी।पन्द्रहवीं लोक सभा में सर्वाधिक महिलायें 59 सांसद के रूप में निर्वाचित हुई
- पहली लोकसभा वालों पहली बैठक 13 मई 1952 को हुई।
- राज्य सभा का सर्वप्रथम गठन 3 अप्रैल 1952 को हुआ।
- यदि संसद का कोई नामांकित सदस्य अपना स्थान ग्रहण करने के 6 माह के भीतर किसी राजनैतिक दल में शामिल हो जाता है तो उसकी सदस्यता बरकरार रहेगी।
- दल-बदल के सम्बन्ध में अन्तिम निर्णय सदन के अध्यक्ष का होता है।
- राज्य–सभा की पहली महिला महासचिव बी. एस. रमादेवी थी।
- संसद का कोई सदस्य अपने अध्यक्ष की पुर्वानुमति लिये बिना 60 दिन तक सदन में नुपस्थित रहता है तो उसका स्थान रिक्त घोषित कर दिया जाता है।
- लोकसभा की नियम समिति का पदेन अध्यक्ष लोक सभा का अध्यक्ष होता है।
- प्रत्येक विधेयक को पारित होने से पूर्व तीन बार वाचन से गुजरना पड़ता है।
- संयुक्त बैठक में विधेयक को दोनों सदनों के उपस्थित और मतदान करने वाले सभी सदस्यों के बहुमत से पारित किया जाता है।
- संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोक सभा का अध्यक्ष होता गैर सरकारी विधेयक शुक्रवार को पेश किये जाते हैं।
- लोक सभा में मान्य विरोधी दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए दल के पास लोक सभा की कुल संख्या के 1/10 सदस्य होने चाहिए।
- लोक सभा का विरोधी दल का प्रथम मान्यता प्राप्त नेता राम सुभग सिंह (1969 ई.) थे। ये कांग्रेस संगठन के नेता थे।
- संसद के दोनों सदनों का सत्रावसान राष्ट्रपति करता है।
- संविधान का व्याख्याकार और संरक्षक उच्चतम न्यायालय होता है।
- संविधान के निर्माण के समय सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के अलावा 7 न्यायाधीश थे।
- वर्ष 1986 से सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त 25 अन्य न्यायाधीशों की व्यवस्था की गई थी।
- सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति की परम्परा फ्रांस की न्यायिक प्रणाली से ली गई है।
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों साबित सदाचार और असमर्थता के आधार पर महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने 80 के दशक में जनहित याचिका की कार्यवाही प्रारम्भ की इसके द्वारा संविधान के अनुच्देद 32 का दायरा बहुत ही विस्तृत हो गया है।
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी. रामास्वामी के विरूद्ध 11 मई 1993 को लोक सभा में लाया गया महाभियोग का प्रस्ताव असफल रहा।
- सर्वोच्च न्यायालय का प्रथम मुख्य यन्यायाधीश एच. जे. कानिया थे।
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर सर्वाधिक अवधि तक रहने वाले न्यायाधीश वाई वी. चन्द्रचूड़ थे।
- सर्वोचच न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर सबसे कम समय तक रहने वाले न्यायाधीश के. एन. सिंह थे (17 दिन)
- राष्ट्रपति ने पहली बार सर्वोच्च न्यायालय को दिल्ली विधि अधिनियम के मामले में सलाह देने के लिए निर्दिष्ट किया था।
- सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायधीश मीरा फातिमा बीबी थी।
- सर्वोच्च न्यायालय में न्यायिक कार्य के लिए अंग्रेजी भाशा का प्रयोग किया जाता है।
- लोकसभा का सबसे युवा सांसद मुकुल वासनिक है।
- सर्वाधिक उम्र में लोकसभा का चुनाव जीतने वाले व्यक्ति एन. जी. रंगा थे।
- अब तक लोकसभा के किसी सीट को सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकार्ड पी. वी. नरसिंह राव है।
- एक ही निर्वाचन क्षेत्र से लगातार 8 बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड जगजीवन राम के नाम है।
- लोकसभा में सरकार का मुख्य सचेतक संसदीय मामले का मंत्री होता है।
- लोकसभा के पहले उपाध्यक्ष अन्नत शयनन आयंगर थे।
- देश के छ: राज्यों में विधान परिषदों का गठन किया गया विधान सभा के सदस्यों की संख्या कम से कम 60 तथा अधिकतम 500 हो सकती है।
- किन्तु गोवा इसका अपवाद है, वहाँ केवल 40 सदस्य हैं।
- संघ शासित क्षेत्रों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
- ऐसे संघ शासित क्षेत्र जिनकी विधायिका नहीं है उनके लिए विधियों का निर्माण संसद करती है।
- संविधान के अनुच्छेद 370 के अर्न्तगत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है।
- जम्मू-कश्मीर के संविधान को 26 नवम्बर 1957 को लागू किया गया।
- भारत में उच्च न्यायालयों की कुल संख्या 21 है।
- सबसे अधिक खण्डपीठ गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पास उच्च न्यायालय के न्यायधीश के पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला न्यायधीश दुर्गा बनर्जी थीं।
- दिल्ली एक मात्र संघ शासित क्षेत्र है जिसका अपना उच्च न्यायालय है।
- न्यायधीशों की सबसे कम संख्या सिक्किम उच्च न्यायालय में है।
- लोकसभा में अनुसूचित जाति के लिए 79 और अनुसूचित जनजाति के लिए 40 स्थान सुरक्षित हैं।
- संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को शामिल किया जाता है।
- मूल संविधान के आठवीं अनुसूची में केवल 14 भाषाएँ थी।
- बाद में संविधान द्वारा चार भाषाएँ-कोंकणी, सिन्धी, नेपाल और मणिपुरी को शामिल किया गया है।
- संसद तथा विधानमंडल के सदस्यों के निर्वाचन सम्बन्धी विवादों को उच्च न्यायालय द्वारा निपटाया जाता है।
- किसी राजनैतिक दल को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता निर्वाचन आयोग प्रदान करता है।
- इसके लिए जारी है कि उस दल को 4 राज्यों में कम से कम 4% मत मिलें।
- किसी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल को चुनाव आयोग द्वारा चुनाव चिन्ह के आबंटन के निर्णय के विरूद्ध अपील सर्वोच्च न्यायालय में की जाती है।
- प्रथम लोकसभा का चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 से 2 फरवरी, 1952 तक सम्पन्न हुआ।
- इस लोकसभा चुनाव में 14 राजनैतिक दलों को राष्ट्रीय का दर्जा प्रदान किया गया था।
- योजना आयोग का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।
- केन्द्र-राज्य सम्बन्धों के सम्पूर्ण ढांचे पर विचार विमर्श के लिए 1983 में केन्द्र सरकार ने सरकारिया आयोग का गठन किया था।
- देश में पंचायती राज व्यवस्था का आरम्भ बलवन्त राय मेहता समिति की रिर्पोट के आधार पर किया गया है।
- देश में सर्वप्रथम पंचायती राज व्यवस्था 1959 में राजस्थान के नागौर से शुरू की गयी। इनका ढांचा त्रि-स्तरीय है।
- अशोक मेहता समिति ने पंचायती राज संस्थानों के द्वि-स्तरीय ढाँचे का सुझाव दिया था। 1
- 953 में गठित राज्य पुर्नगठन आयोग के अध्यक्ष फजल अली थे।
- लोक सभा का सचिवालय लोकसभा के अध्यक्ष के अर्न्तगत कार्य करता था।
- भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी का चुनाव चिन्ह 1952 के आम चुनाव से अब तक अपरिवर्तित है।
- पहली बार राष्ट्रपति ने मुख्य चुनाव आयुक्त की सहायता के लिए दो अन्य चुनाव आयुक्तों एस.एस. धनोबा व वी. एस. सहगल की 1983 में नियुक्ति की थी।
- संसद ने 1950 में भारत की आकस्मिक निधि का गठन किया था।
- भारत के संविधान के अनुच्छेद 394 (क) के अनुसरण में हिन्दी में संविधान का प्रधिकृत पाठ प्रकाशित किया गया।
- इसे 58वां संविधान संशोधन द्वारा 1987 में तैयार किया गया।
- 1955 में गठित राजभाषा आयोग के पहले अध्यक्ष बी.जी. खेर थे।
- केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की स्थापना 2 अक्टूबर 1985 को हुयी।
- अन्तर्राष्ट्रीय परिषद के गठन की सिफारिश सरकारिया आयोग ने की थी।
- 1966 में दिल्ली उच्च न्यायालय के गठन से पूर्व दिल्ली राज्य क्षेत्र इलाहाबाद उच्च न्यायालय की अधिकारिता में था।
- संविधान लागू होने के बाद पहली बार त्रिशुंक संसद का गठन 1989 में हुआ।
- भारत में पहली बार मतपत्र और अमिट स्याही का प्रयोग तीसरे निर्वाचन (1962) में किया गया।
- किसी भी उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य |
- न्यायधीश बनने का सौभाग्य न्यायमूर्ति लीला सेठ की है।
- 1952 में भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरूआत अमेरिका के तकनीक सहयोग से हुयी।
- लोकसभा में मान्य विरोधी दल का दर्जा किसी भी दल का प्रापत करने के लिए सदस्यों की संख्या सदन की कुल संख्या का 1/10 भाग होना चाहिए।
- संसद में सबसे अधिक अधिनियम 1976 में पारित किये गये।
- सर्वप्रथम अनुच्छेद 356 का प्रयोग केरल में 1956 में किया गया।
- संघीय मंत्रिपरिषद का कोई भी मंत्री लोकसभा या राज्यसभा से 4 से अधिक समितियों का सदस्य नहीं बन सकता है।
- भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।
- संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल के आधार पर किसी सांसद/विधायक को अयोग्य ठहराए जाने का प्रावधान है।
- पंचवर्षीय योजनाओं का अनुमोदन तथा पुनर्निरीक्षण राष्ट्रीय विकास परिषद द्वारा किया जाता है।
- भारत के महान्यायवादी को संसद की कार्यवाहियों में भाग लेने तथा सभी न्यायालयों में सुने जाने का अधिकार प्राप्त संघ संविधान समिति के अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे।
- डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने गोलमेज सम्मेलन की तीनों बैठकों में भाग लिया था।
- संविधान बनाने वाली प्रारुप समिति के अध्यक्ष डॉ. अम्बेडकर थे।
- संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को हुई।
- संविधान की सूचियों में शिक्षा समवर्ती सूची में है। राज्य सूची के किसी विषय को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने का विशेष अधिकार राज्य सभा को प्राप्त है।
- 2/3 बहुमत से राज्य सभा अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन कर सकता है।
- संविधान का अनुच्छेद 40 राज्य सरकारों को पंचायतों को गठित करने का निर्देश देता है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य भाग लेते हैं।
- राज्य सभा का सभापति सदन का सदस्य नहीं होता।
- संविधान के भाग- III को भारत का मैग्नाकार्टा कहा जाता है।
- भारतीयों को सत्ता के हस्तान्तरण का उल्लेख सर्वप्रथम क्रिप्स प्रस्ताव 1942 में किया गया ।
- भारतीय राज्यों के नाम और सीमा क्षेत्र में परिवर्तन का अधिकार संसद को प्राप्त है।
- भारतीय संविधान का सबसे बड़ा स्रोत भारतीय शासन अधिनियम, 1935 को माना जाता है।
- भारत की स्वतन्त्रता के समय ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार थी। प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली थे।
- भारत का संविधान 22 भागों में विभक्त है। केन्द्रीय निर्वाचन आयुक्त अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक पद पर रह सकता है।
- संसद के दो अधिवेशनों के मध्य अधिकतम 6 महीने का अन्तराल हो सकता है।
- संसद के किसी सदस्य की असदस्यता 60 दिन तक लगातार अनुपस्थित रहने पर समाप्त हो जाती है।
- भारतीय संविधान में निर्धारित किए गए के अनुसार लोकसभा में सदस्यों की संख्या अधिकतम 552 हो सकती है।
- भारत सरकार का संवैधानिक अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है।
- लोक सभा अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा के सदस्य करते हैं।
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 Home अस्पृश्यता उन्मूलन से सम्बन्धित है।
- नए केन्द्रीय मन्त्रालय/विभाग का निर्माण प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति करता है।
- संविधान में अनुच्देद 12 से 35 तक भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन है।
- व्यक्ति, निगम अथवा अधीनस्थ अभिकरण जिस कार्य को करने के लिए आबद्ध है उस कार्य को करने के लिए परमादेश (Mandamus) की रिट जारी की जाती है।
- कर्मचारी चयन आयोग का गठन 1 जुलाई, 1976 को हुआ।
- राजभाषा विभाग गृह मन्त्रालय के अनतर्गत कार्य करता 73वाँ संविधान संशोधन (1992) पंचायत राज के सृदृढ़ीकरण से सम्बन्धित है।
- वर्तमान में सात राजनीतिक दल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं।
- मौलिक अधिकारों की सुरक्षा हेतु न्यायालय पाँच प्रकार के लेख (रिट) जारी कर सकता है।
- राष्ट्रपति के निर्वाचन से सम्बन्धित विवादों का विनिश्चय उच्चतम न्यायालय करता है।
- संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोक सभा अध्यक्ष करता है तथा उसकी अनुपस्थिति में लोकसभा का उपाध्यक्ष करता है।
- लोक सभा की वर्तमान सदस्य संख्या 2026 तक अपरिवर्तनीय है।
- यदि मृत्यु, त्यागपत्र अथवा हटाए जाने की स्थिति में भारत के राष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाए तो उस पद का कार्यभार उपराष्ट्रपति संभालता है।
- संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य की पदावधि छ: वर्ष या | 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो होती है।
- 42वें संविधान संशोधन (1976) को ‘मिनी कंस्टीट्यूशन’ कहा जाता है।
- संविधान में संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख अनुच्देद 368 में किया गया है।
- दादर और नागर हवेली भारत में शामिल होने से पूर्व पुर्तगाल के उपनिवेश थे।
- 36वें संविधान संशोधन द्वारा सिक्किम को भारत संघ में पूर्ण राज्य के रूप में शामिल किया गया।
- केन्द्र व राज्यों के मध्य वित्त का बँटवारा वित्त आयोग की सिफारिश पर होता है।
- संविधान से राज्य द्वारा 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
- यदि किसी विधि या संवैधानिक संशोधन को 9वीं अनुसूची में रख दिय जाए तो वह न्यायालय में बाद योग्य नहीं रह जायेगा।
- भारत में पहली बार राष्ट्रीय आपात काल 1962 में किया गया।
- संविधान के अनुच्छेद 360 में वित्तीय आपात स्थिति लागू करने का प्रावधान है।
- राज्य सभा में राष्ट्रपति 12 सदस्यों को मनोनीत कर सकता है।
- स्वतन्त्र भारत में राज्य सभा के प्रथम सभापति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे। 61वें संविधान संशोधन द्वारा मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गयी।
- संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना की संस्तुति पर किया गया था।
- संविधान का भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51 तक) राज्य के नीति निर्देशक तत्व से सम्बन्धित हैं।
- कलकत्ता, मुम्बई और मद्रास उच्च न्यायलयों की स्थापना 1861 में की गई।
1854 का शिक्षा पर चार्ल्स वुड डिस्पैच :- चार्ल्स वुड जो अर्ल ऑफ एवरडीन की मिली जुली सरकार में बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अध्यक्ष थे, ने 1854 में भारत की भावी शिक्षा के लिए एक वृहद योजना बनाई जिसमें अखिल भारतीय आधार पर शिक्षा की नियामक पद्धति का गठन किया गया। इसे प्रायः भारतीय शिक्षा का मैग्ना कार्टा कहा जाता है।
हन्टर शिक्षा आयोग 1882-83 :- शिक्षा के क्षेत्र में 1854 के पश्चात हुई प्रगति की समीक्षा करने के लिए 1882 में सरकार ने डब्ल्यू डब्ल्यू हण्टर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया। इसका कार्य केवल प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा समीक्षण तक ही सीमित था।
सैडलर वि0 वि0 आयोग 1917-19 :- इस आयोग को कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्राथमिक से विश्वविद्यालय स्तर तक की शिक्षा पर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया।
हार्टोग समिति, 1929 :- सन् 1929 में भारतीय परिनियत (Statutory) आयोग ने सर फिलिप हार्टोग की अध्यक्षता में एक सहायक समिति नियुक्त की जिसे शिक्षा के विकास पर रिपोर्ट देने को कहा गया।
राधाकृष्णन आयोग 1948-49 :- नवम्बर, 1948 में सरकार ने डॉ. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक आयोग नियुक्त किया जिसे विश्व विद्यालयी शिक्षा पर अपनी रिपोर्ट और उसके सुधार के लिए सिफारिशें देनी थीं।
कोठारी शिक्षा आयोग 1964-66 :- जुलाई 1964 में एक आयोग डी. एस. कोठारी की अध्यक्षता में नियुक्त किया गया जिसे सरकार को शिक्षा के सभी पक्षों तथा प्रक्रमों के विषय में राष्ट्रीय नमूने की रूप रेखा, साधारण सिद्धान्त तथा नीतियों की रूप रेखाबनाने का आदेश था।
शिक्षा की राष्ट्रीय नीति :- मुख्यतः कोठारी आयोग की सिफारिशों पर आधारित करके 1968 में भारत सरकार ने शिक्षा पर एक प्रस्ताव पारित किया।
नवीन शिक्षा नीति 1986 :- नवीन शिक्षा नीति का उद्देश्य हमारे गतिहीन समाज को ऐसे गतिशील समाज में परिवर्तित करना है जिसमें विकास तथा परिवर्तन के प्रति वचनबद्धता हो।