Alwar – अलवर
• 1770 में रावराजा प्रतापसिंह ने अलवर राज्य की स्थापना की। 17 मार्च, 1948 को मत्स्य संघ का भाग तथा 22 मार्च, 1949 को राजस्थान में | विलीनीकरण हुआ।
• Alwar – अलवर को पूर्वी सिंहद्वार तथा पूर्वी राजस्थान का कश्मीर कहा जाता है।
• सरिस्का वन्यजीव अभ्यारण्य अलवर जिले में है जो हरे कबूतरों के लिए प्रसिद्ध है। इस अभ्यारण्य में टाईगर डेन होटल है।
Alwar – अलवर जिले के भिवाड़ी में उत्तरी भारत का सबसे बड़ा पावर स्टेशन (शक्ति केन्द्र) बनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्तर का प्रथम खेल गांव अलवर जिले की तिजारा तहसील का जेरोली गांव है। इस खेल गांव का निर्माण एयरो क्लब ऑफ इण्डिया (ACI) द्वारा कराया जा रहा है।
• राजस्थान का प्रथम जल विश्व विद्यालय Alwar – अलवर में खोला जा रहा है।
अलवर जिले में मेव जाति अधिक निवास करती है जिन्होंने नीमूचणा कृषक आन्दोलन किया था। |
मूसी महारानी की छतरी : अस्सी खम्भों वाली इस छतरी का निर्माण 1815 ई. में विनय सिंह ने करवाया। इसे मूसी महारानी व तत्कालीन महाराज बख्तावर सिंह की स्मृति में बनाया गया।
सिलीसेढ़ झील : इस झील को राजस्थान का नंदनकानन कहा जाता है। इस झील के किनारे अलवर के महाराजा विनयसिंह ने 1844 ई. में अपनी रानी शीला के लिए एक अद्भुत छः मंजिला महल बनवाया। .
– इसे वर्तमान में राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने होटल सिलीसेढ़ लेक पैलेस में तब्दील कर दिया है।
बाला दुर्ग : ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस किले को हसन खाँ मेवाती ने संवत् 1928 में बनवाया था।
– अपनी विशिष्ट संरचना के लिए प्रसिद्ध यह दुर्ग अतीत की समद्ध धरोहर है। ज्ञातय है कि यहाँ मुगल बादशाह बाबर एक रात के लिए ठह
नीमराणा दुर्ग : 1464 में लगभग तीन एकड़ पहाड़ी पर बना पाँच मंजिला यह किला पंचमहल के नाम से भी जाना जाता है।
• अलवर जिले का मानचित्र यूरोप महाद्वीप के जर्मनी देश के मानचित्र से मिलता जुलता है।
होप सर्कस कैलाश बुर्ज : अलवर शहर के मध्य स्थित यह भव्य कैलाश बुर्ज स्थित है।
– इस इमारत का नाम भारत के तत्कालीन वाइसराय लार्ड लिनलिथगो की पुत्री कुमार होप के नाम पर कालान्तर में होप सर्कस हो गया। ज्ञातव्य है कि कुमारी होप अपने पिता लिनलिथगो के साथ 1939-40 को अलवर पधारी थी।
ईटराणा की कोठी : अलवर स्थित इस भवन का निर्माण तत्कालीन महाराज जयसिंह ने करवाया। जाली-झरोखे, तोरणनुमा टोड़े और मनोहारी मेहराबदार | छतरियों का अद्भुत सामंजस्य इसके वास्तुशिल्प की उल्लेखनीय विशेषता है।
• शिमला : Alwar – अलवर के कम्पनी बाग में महाराज मंगलसिंह द्वारा 1885 में निर्मित शिमला अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण पूरे भारत में अपनी सानी नहीं रखता।
• अलवर राज्य का एकमात्र जिला है जो पूर्णतः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्मिलित है।
राज्य का तीसरा निर्यात संवर्द्धन औद्योगिक पार्क अलवर जिले के नीमराणा में स्थापित किया गया है जिसका शिलान्यास राजस्थान के मुख्यमंत्री ने 17 फरवरी, 2004 को किया है।
राज्य का कम्प्यूटर विश्वविद्यालय अलवर के नीमराणा में निट (NIIT) द्वारा निजी क्षेत्र में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
• Alwar – अलवर में तिजारा में अलाउद्दीन आलमशाह का मकबरा, चन्द्र प्रभु जी का जैन मंदिर तथा यह पर्यटन इकाई के रूप में विकासशील केन्द्र है।
राजस्थान में सर्वाधिक बहुराष्ट्रीय कम्पनियां भिवाड़ी में है तथा भिवाड़ी में ही नोटों की स्याही बनाने का कारखाना व राजस्थान का तीसरा कंटेनर डिपो स्थापित है।
अलवर जिले का नीमूचणा किसान आन्दोलन (24 मई, 1925) जिसे गांधीजी ने दोहरी डायरशाही कहा। इसे राजस्थान का जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड कहा जाता है।
अलवर जिले में राज्य की सर्वाधिक वृहत् औद्योगिक इकाईयां, राज्य की प्रथम प्याज मण्डी तथा कागजी (बहुत पतली परत के बर्तन) कला प्रसिद्ध है।
राजस्थान का प्रथम एकीकृत औद्योगिक पार्क अलवर के टपूकड़ा में स्थापित किया गया है तथा अलवर जिले को राज्य का मॉडल जिला घोषित किया गया है
• Alwar – अलवर जिले में शराब का अधिक उत्पादन होने के फलस्वरूप इसे राजस्थान का स्कॉटलैंड कहते हैं। यहीं पर एग्रो फुड पार्क निर्माणाधीन है।
• Alwar – अलवर के राजगढ़ तहसील के बरवा डूंगरी की तलहटी में स्थित नारायणी माता का मंदिर स्थित है जिसे नाइयों की कुलदेवी कहते हैं।
• Alwar – अलवर के राजेन्द्र सिंह (पानी वाले बाबा, जोहड़ेवाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध) को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, उनके द्वारा संचालित एवं जल संरक्षण कार्यों के लिए प्रदान किया गया।
– वे तरूण भारत संघ नामक संगठन का संचालन करते हैं। राजेन्द्र सिंह को वाटर मैन ऑफ इण्डिया (Water Man of India) भी कहते हैं।
• तालवृक्ष-अलवर का एक सुरम्य स्थल जो महाऋषि मांडव्य की तपोस्थली के रूप में जाना जाता है। यहीं पर गंगामाता का मंदिर है और उसके नीचे | गर्म एवं ठण्डे पानी के जलकुण्ड बने हुए हैं।
दौलत की ढाणी के सौरभ शेखावत को माउण्ट एवरेस्ट (विश्व की सबसे ऊँची चोटी 8850 मीटर) पर चढ़ने वाले को प्रथम राजस्थानी कहते हैं।
नीमराणा (अलवर) को विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के अन्तर्गत मल्टीनेशनल सेन्टर के तौर पर विकसित किया जायेगा।
राष्ट्रीय राजधनी क्षेत्र के अन्तर्गत बहरोड़ मार्ग पर जिन्दोली घाटी को काटकर राजस्थान की प्रथम हॉर्स शू आकार की सुरंग तैयार की गयी है।
कांकणवाड़ी किला-सरिस्का अभ्यारण्य में है जिसमें मुगल बादशाह औरंगजेब ने अपने भाई दाराशिकोह को कैद में रखा था।
सरिस्का अभ्यारण्य में हनुमानगढ़ जी की शयन मुद्रा की प्रतिमा (पाण्डुपोल हनुमान मंदिर) स्थित है।
– अलवर के सरिस्का अभ्यारण्य से दो राष्ट्रीय राजमार्ग (NH – 8, 11) तथा राष्ट्रीय पक्षी मोर का सर्वाधिक घनत्व भी यहीं पाया जाता है (कालीघाटी क्षेत्र में)।