पृथ्वीराज चौहान | पृथ्वीराज चौहान का इतिहास | पृथ्वीराज रासो

पृथ्वीराज चौहान | पृथ्वीराज चौहान का इतिहास - दिल्ली के उत्तराधिका के प्रश्न तथा संयोगिता के अपहरण के कारण पृथ्वीराज चौहान और जयचन्द में मनमुटाव था। 

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पृथ्वीराज चौहान | पृथ्वीराज चौहान का इतिहास | पृथ्वीराज रासो

पृथ्वीराज चौहान का इतिहास – पृथ्वीराज चौहान का जन्म चौहान राजा सोमेश्वर और रानी कर्पूरादेवी के घर हुआ था।

पृथ्वीराज रासो हिन्दी भाषा में लिखा एक महाकाव्य है जिसमें सम्राट पृथ्वीराज चौहान के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है।

पृथ्वीराज चौहान | पृथ्वीराज चौहान का इतिहास | पृथ्वीराज रासो
पृथ्वीराज चौहान | पृथ्वीराज चौहान का इतिहास | पृथ्वीराज रासो
  • पिता का नाम ‘ सोमेश्वर ।
  • माता का नाम – कर्पूरी देवी ( दिल्ली के शासक अनगपाल तोमर की पुत्री ) 
  • प्रारम्भ में माता कर्पूरी देवी उसकी संरक्षिका बनी, क्यों पृथ्वीराज तृतीय बाल्यावस्था में शासक बने थे। 
  • अपने चचेरे भाई नागार्जुन के विद्रोह का दमन करता हैं। – भंडानको को हराता हैं। 
  • 1182 ई. में तुमुल के युद्ध में महोबा के चन्देल शासक परमारर्दिदेव को हराता हैं। 
  • इस युद्ध में परमार्दिदेव चन्देल के दो सेनानायक आल्हा व ऊदल लड़ते हुए मारे गये थे, जो आज भी वहां के लोकगीतों में गाये जाते हैं। 
  • 1187 ई. में चालुक्य शासक भीन द्वितीय पर आक्रमण करता हैं।  पर दोनों के बीच संधि हो जाती हैं।
  • चौहान ( पृथ्वीराज )  गहड़वाल ( जयचन्द ) वैमनस्यः – दिल्ली के उत्तराधिका के प्रश्न तथा संयोगिता के अपहरण के कारण दोनों में मनमुटाव था। 

पृथ्वीराज चौहान तराइन का प्रथम युद्ध – 1191 ई. 

  • मोहम्मद गौरी V/s पृथ्वीराज चौहान
  • तात्कालिक कारणः मोहम्मद गौरी द्वारा तबरहिन्द (भटिण्डा) पर अधिकार 
  • इसमें पृथ्वीराज का सेनापति चामुण्डराय था।
  • इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान जीतता हैं। 

पृथ्वीराज चौहान तराइन का द्वितीय युद्ध – 1192 ई. 

  • इस युद्ध में सेनापति चामुण्डराय भाग नहीं लेता हैं। 
  • पृथ्वीराज इस युद्ध में हार जाता हैं। सिरसा (हरियाणा) के पास बंदी बनाकर मार दिया जाता हैं। 
  • पृथ्वीराज चौहान ने दिल्ली के पास पिथौरागढ़ का निर्माण करवाया। 

– उपाधि –

1. ‘राय पिथौरा’ 

2. दल पुंगल (विश्व विजेता) 

दरबारी ( पृथ्वीराज के दरबार में ) 

  1. चन्दबरदायी (वास्तविक नाम पृथ्वीराज भट्ट)- ‘पृथ्वीराज रासौ’ 
  2. जयानक- ‘पृथ्वीराज विजय’ 
  3. विद्यापति गौड़ 
  4. जनार्द्धन 
  5. वागीश्वर – कला व संस्कृति मंत्रालय की स्थापना की तथा इसका मंत्री पद्मनाभ को बनाया ।

कैमास व भुवनमल्ल इसके प्रमुख मंत्री थे। 

मोइनुद्दीन चिश्ती इसी के समय भारत आये थे। 

तराइन के दोनों युद्धो का विस्तृत विवरण कवि चन्द्र बरदाई के पृथ्वीराज रासौ, हसन निजामी के ताजुल 

मासिर एवं मिन्हास उस् सिराज के ‘तबकात – ए – नासिरी’ में मिलता हैं।

पृथ्वीराज चौहान कौन थे

पृथ्वीराज तृतीय (शासनकाल: 1178–1192) जिन्हें आम तौर पर पृथ्वीराज चौहान कहा जाता है, चौहान वंश के राजा थे। उन्होंने वर्तमान उत्तर-पश्चिमी भारत में पारम्परिक चौहान क्षेत्र सपादलक्ष पर शासन किया।

पृथ्वीराज चौहान का जन्म

पृथ्वीराज चौहान का जन्म चौहान राजा सोमेश्वर और रानी कर्पूरादेवी के घर हुआ था।

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