अकबर » अकबर बीरबल की कहानी | अकबर बीरबल की कहानियां
अकबर » अकबर बीरबल की कहानी – अकबर का राज्याभिषेक 14 वर्ष की आयु में पंजाब के कलानौर नामक स्थान पर हुआ था।
बैरम खाँ अकबर का संरक्षक था।
पानीपत का द्वितीय युद्ध नवम्बर, 1556 ई. में हुआ, जिसमें बैरम खाँ के नेतृतव वाली मुगल सेना ने हेमू के नेतृत्व वाली अफगान सेना को पराजित किया।
अकबर के कुछ महत्वपूर्ण कार्य
क्र.स | वर्ष | कार्य |
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1 | 1562 ई. | दास प्रथा का अन्त |
2 | 1562 ई. | अकबर को हरमदल से मुक्ति |
3 | 1562 ई | तीर्थयात्रा का समाप्त |
4 | 1564 ई. | जजिया कर समाप्त |
5 | 1571 ई. | फतेहपुर सीकरी की स्थापना एवं राजधानी का आगरा से फतेहपुर सीकरी स्थानान्तरण |
6 | 1575 ई. | इबादतखाने की स्थापना |
7 | 1578 ई. | इबादतखाने में सभी धर्मों के लोगों के प्रवेश की अनुमति |
8 | 1579 ई. | मजहर की घोषणा |
9 | 1582 ई. | दीन-ए-इलाही की स्थापना |
10 | 1583 ई. | इलाही सम्वत् की शुरूआत |
अकबर के शासनकाल के दौरान 1576 ई. में मेवाड़ के शासक राणा प्रताप तथा मुगल सेना के बीच ‘हल्दी-घाटी का युद्ध’ हुआ, जिसमें मानसिंह ने मुगल सेना का नेतृत्व किया।
इस युद्ध में विजय मेवाड़ महराणा प्रताप की रही
अकबर के दीवान राजा टोडरमल ने 1580 ई. में ‘दहसाला बन्दोबस्त’ लागू किया।
दीन-ए-इलाही स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अन्तिम हिन्दू राजा बीरबल था।
बीरबल का नाम महेश दास था। अबुल फजल ने ‘आईन-ए-अकबरी’ तथा ‘अकबरनामा’ नामक ग्रन्थ की रचना की।
अकबर के दरबार में ‘नवरत्न’ थे जिनमें तानसेन, बीरबल, टोडरमल आदि प्रमुख थे। ‘मनसबदारी प्रथा एक विशिष्ट सैन्य एवं प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसे भारत में अकबर ने प्रारमभ किया था।
अकबर के दरबार में अब्दुस्समद, दसवन्त एवं बसावन प्रमुख चित्रकार थे।
अकबर का मकबरा सिकन्दरा में है।
सामाजिक सुधार (कालक्रम)
- 1562- दास प्रथा का अंत,
- 1563- तीर्थयात्रा कर समाप्त,
- 1564- जजिया कर समाप्त,
- 1571- फतेहपुर सीकरी की स्थापना,
- 1575- फतेहपुर सीकरी में इबादत खाने का निर्माण,
- 1578- इबादतखाने को सभी धर्मों के लिए खोला गया अर्थात अब यह धर्म संसद (Parliament of religions) के रूप में आ गया।
- 1579- महजर या तथाकथित अमोघत्व की घोषणा
- 1582- तौहीद-ए-इलाही या दीन-ए-इलाही की घोषणा
- 1583- कुछ निश्चित दिनों को कई जानवरों की हत्या का निषेध ।
कला, स्थापत्य तथा संस्कृति
अकबर : अकबर के समय में शिल्पकला के विकास का मानक स्थापित हुआ।
अकबर के समय में अनेक इमारतों का निर्माण हुआ
(1) हुमायूँ का मकबरा : यह अकबर के काल में बनी पहली इमारत है, जिसे हुमायूँ की पत्नी हाजी बेगम ने बनवाया (1569)।
(2) आगरा, लाहौर तथा इलाहाबाद के किले : इन सभी में लाल पत्थर का प्रयोग हुआ है।
(3) आगरा के किले में जहाँगीरी महल तथा अकबरी महल, इलाहाबाद के किले में चालीस स्तम्भों का महल।
(4) आगरा से 36 किलोमीटर पश्चिम में फतेहपुर सीकरी का निर्माण किया, जो कि अकबर की राजधानी थी।
इसके अनेक इमारते हैं- दीवाने-आम, दीवाने-खास, पंचमहल, जोधाबाई का महल, खास महल, तुर्की सुल्ताना का महल, बीरबल महल, शेख सलीम चिश्ती का मकबरा, बुलन्ददरवाजा अकबर की गुजरात विजय के उपलक्ष्य में बनवाया गया था।
यह 134 फीट ऊा है (चबूतरे से) तथा जमीन से 176 फीट ऊँचा है।