बहमनी सल्तनत | बहमनी साम्राज्य | बहमनी राजवंश
बहमनी सल्तनत | बहमनी साम्राज्य | बहमनी राजवंश की स्थापना का श्रेय अबुल हसन मुजफ्फर अलाउद्दीन बहमनशाह को जाता है, जिसने 1347 ई. में मुहम्मद बिन तुगलक के विरुद्ध विद्रोह कर बहमनी राजवंश की स्थापना की, जिसकी राजधानी गुलबर्गा को बनाया।
इसके अतिरिक्त, बीदर, बरार, दौलताबाद इस वंश की प्रान्तीय राजधानियाँ थीं।
1538 ई. में बहमनी साम्राज्य का सूर्य अस्त हो गया। इस कारण उसके ध्वंसावशेषों पर पाँच राज्य स्थापित हुए।
बीजापुर का आदिलशाही गोलकुण्डा का कुतुबशाही अहमदनगर का निजामशाही बीदर का बरीदशाही राज्य बरार का इमादशाही राज्य इस तरह बहमनी राजवंश दक्षिण भारत की राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक कला संस्कृति साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी भूमिका 200 वर्षों तक बड़े अच्छे तरीके से निभाता रहा।
मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में 1347 ई. में हसनगंगू ने बहमनी राजवंश की स्थापना की।
वह अलाउद्दीन बहमन शाह के नाम से सत्तासीन हुआ। मुहम्मद तृतीय के शासनकाल में ‘ख्वाजा जहाँ’ की उपाधि से महमूद गवाँ को प्रधानमन्त्री नियुक्त किया गया।
महमूद गवाँ ने बीदर में एक महाविद्यालय की स्थापना की। ताजुद्दीन फिरोज के शासनकाल में रूसी यात्री निकितन बहमनी राज्य की यात्रा पर आया था।
कालीमउल्लाह बहमनी सल्तनत का अन्तिम शासक था।
इसकी मृत्यु के समय बहमनी साम्राज्य राज्य पाँच स्वतन्त्र राज्यों में बँट गया। इन स्वतन्त्र राज्यों से सम्बन्धित विवरण इस प्रकार है
राज्य | वंश | संस्थापक | वर्ष |
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बीजापुर | आदिलशाही | युसुफ आदिल शाह | 1489 ई. |
अहमदनगर | निजामशाही | मलिक अहमद | 1490 ई. |
बरार | हिमादशाही | फतेहउल्लाह इमादशाह | 1490 ई |
गोलकुण्डा | कुतुबशाही | कुलीकुतुबशाह | 1512 ई. |
बीदर | बरीदशाही | अमीर अली बरीद | 1526 ई. |
बहमनी साम्राज्य के संस्थापक कौन थे ?
सन मुजफ्फर अलाउद्दीन बहमनशाह को जाता है बहमनी राजवंश की स्थापना का श्रेय अबुल हसन मुजफ्फर अलाउद्दीन बहमनशाह को जाता है