लोदी वंश | बहलाल लोदी | सिकन्दर लोदी | इब्राहिम लोदी
- बहलाल लोदी (1451 ई. से 1489 ई.)
- सिकन्दर लोदी (1489 ई. से 1517 ई.)
- इब्राहिम लोदी (1517 ई. से 1526 ई.)
लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी (1451-88 ई.) था, उसने भारत में पहली बार अफगान राज्य की स्थापना की।
सिकन्दर लोदी (1489–1517 ई.) ने भूमि की माप के लिए सिकन्दरी गज के इस्तेमाल की शुरूआत की। उसने ‘गुलरुखी’ के उपनाम से कविताएँ भी लिखीं।
सिकन्दर लोदी ने 1504 ई. में आगरा नगर की स्थापना की तथा उसे अपनी राजधानी बनाया।
इब्राहिम लोदी (1517-26 ई.) दिल्ली सल्तनत का अन्तिम सुल्तान था।
पानीपत के प्रथम युद्ध (1526 ई.) में बाबर ने इब्राहिम लोदी को पराजित कर दिल्ली सल्तनत का अन्त कर दिया।
राजस्व (कर) व्यवस्था : सल्तनत काल में पाँच मुख्य कर थे
(i) उश्र : मुसलमानों से लिया जाने वाला भूमि कर 5% | से 10% तक।
(ii) खराज : गैर मुसलमानों पर भूमि कर, 1/3 से 1/2 तक।
(iii) खम्स : लूट, खानों अथवा भूमि में गड़े हुये खजानों | से प्राप्त धन, जिसके 1/5 भाग पर सुल्तान का अधिकार था। | शेष 4/5 भाग पर सैनिकों का अधिकार होता था। फिरोज | तुगलक को छोड़कर शेष सभी ने 4/5 भाग अपने लिये रखा।
(iv) जकात : मुसलमानों पर धार्मिक कर, 2 से 2.5 होता | था तथा उन्हीं की भलाई के लिए व्यय होता था।
(v) जजिया : गैर मुसलमानों पर धार्मिक कर था। स्त्रियाँ | बच्चे, भिखारी, पुजारी, साधु आदि इस कर से मुक्त थे। फिरोज |
तुगलक ने ब्रह्मणों पर भी ये कर लगाया, जो पहले इस कर से | मुक्त थे। यह लगान से पृथक कर था।
लगान व्यवस्था : उपर्युक्त करों के अतिरिक्त मुसलमानों से 2.5% तथा हिन्दुओं से 5% लिया जाता था।
अलाउद्दीन खिलजी ने मकान कर (घराई) और चारागाह कर (चराई) भी | लगाया था तथा फिरोज तुगलक ने सिंचाई कर लगाया था, जो 10% था।
सुल्तान का मुख्य व्यय सेना, अपने और महल | के खर्चों तथा अधिकारियों के वेतन पर होता था।
लोदी वंश का संस्थापक कौन था ?
लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी (1451-88 ई.) था, उसने भारत में पहली बार अफगान राज्य की स्थापना की।