भारतीय संविधान के भाग – Part Of Indian Constitution

भारतीय संविधान के भाग - संघ और उसका राज्यक्षेत्र, नागरिकता, मूल अधिकार, समता का अधिकार, नीति के निदेशक तत्व, मूल कर्तव्य ,राज्य, पंचायते, अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र

Table of Contents

भारतीय संविधान के भाग – Part Of Indian Constitution

भाग 10 (Part x)  अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र ( The Schedule and Tribal Areas ) 

  • अनुच्छेद 244 : अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन 
  • अनुच्छेद 244-क : असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रि-परिषद का या दोनों का सृजन।

भाग 11 (Part XI) संघ और राज्यों के बीच संबंध ( Relations between the Union and the States

अध्याय 1- विधायी संबंध ( Legislative Relations )

 विधायी शक्तियों का वितरण ( Distribution of Legislative Powers ) 

  • अनुच्छेद 245 : संसद द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार 
  • अनुच्छेद 246 : संसद द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषय-वस्तु 
  • अनुच्देद 247 : कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद की शक्ति
  • अनुच्छेद 248 : अवशिष्ट विधायी शक्तियां
  • अनुच्छेद 249 : राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद् की शक्ति | 
  • अनुच्छेद 250 : यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद् की शक्ति | 
  • अनुच्छेद 251 : संसद् द्वारा अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति | 
  • अनुच्छेद 252 : दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनोन की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना। 
  • अनुच्छेद 253 : अंतर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान 
  • अनुच्छेद 254 : संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति | 
  • अनुच्छेद 255 : सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना

अध्याय 2- प्रशासनिक संबंध ( Administrative Relations )

साधारण (General) 

  • अनुच्छेद 256 : राज्यों की और संघ की बाध्यता
  • अनुच्छेद 257 : कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण 
  • अनुच्छेद 257-क : (निरसित) 
  • अनुच्छेद 258 : कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति 
  • अनुच्छेद 259 : (निरसित) । 
  • अनुच्छेद 260 : भारत के बाहर के राज्यक्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता 
  • अनुच्छेद 261 : सार्वजनिक कार्य अभिलेख और न्यायिक
  • कार्यवाहियां 
  • जल संबंधी विवाद (Disputes relating to Waters) । 
  • अनुच्छेद 262 : अंर्तराज्यिक नदियों या नदी-दूनों के जलसंबंधी विवादों का न्यायनिर्णयन 

राज्यों के बीच समन्वय ( Co-ordinations between States ) 

  • अनुच्छेद 263 : अंर्तराज्यीय परिषद् के संबंध में उपबंध

भाग 12 (Part XII) वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद (Finance, Property, Contracts and Suits) 

अध्याय 1- वित्त ( Finance

साधारण ( General )

  • अनुच्छेद 264 : निर्वचन 
  • अनुच्छेद 265 : विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना 
  • अनुच्छेद 266 : भारत और राज्यों की संचित निधियां और लोक लेखे 
  • अनुच्छेद 267 : आकस्मिकता निधि 

संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरणDistribution of Revenues between the Union and the States

  • अनुच्छेद 268 : संघ द्वारा उद्गृहीत किए जाने वाले किंतु राज्यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्क 
  • अनुच्छेद 269 : संघ द्वारा उद्गृहीत और संगृहीत तथा किंतु राज्यों को सौंपे जाने वाले कर 
  • अनुच्छेद 270 : संघ द्वारा उद्गृहीत और संगृहीत तथा संघ और राज्यों के बीच वितरित किए जाने वाले कर 
  • अनुच्छेद 271 : कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए अधिभार 
  • अनुच्छेद 272 : कर जो संघ द्वारा उद्गृहीत किए जाते हैं तथा जो संघ और राज्यों के बीच वितरित किए जा सकेंगे 
  • अनुच्छेद 273 : जूट पर और जूट उत्पादों पर निर्यात शुल्क के स्थान पर अनुदान 
  • अनुच्छेद 274 : ऐसे कराधान पर, जिसमें राज्य हितबद्ध है, प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा अनुच्छेद 275 : कुछ राज्यों को संघ से अनुदान 
  • अनुच्छेद 276 : वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं औरनियोजनों पर कर 
  • अनुच्छेद 277 : व्यावृत्ति 
  • अनुच्छेद 278 : (निरसित) 
  • अनुच्छेद 279 : “शुद्ध आगम’ आदि की गणना 
  • अनुच्छेद 280 : वित्त आयोग 
  • अनुच्छेद 281 : वित्त आयोग की सिफारिशें

प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध ( Miscellaneous Financial Provisions

  • अनुच्छेद 282 : संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व से किए जाने वाले व्यय 
  • अनुच्छेद 283 : संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि | 
  • अनुच्छेद 284 : लोक सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादकर्ताओं की जमा राशियां और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा | 
  • अनुच्छेद 285 : संघ की संपत्ति को राज्य के करों से छूट 
  • अनुच्छेद 286 : माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बधन । 
  • अनुच्छेद 287 : विद्युत पर करों से छूट 
  • अनुच्छेद 288 : जल या विद्युत के संबंध में राज्यों द्वारा कराधान से कुछ दशाओं में छूट 
  • अनुच्छेद 289 : राज्यों की संपत्ति और आय को संघ के कराधान से छुट 
  • अनुच्छेद 290 : कुछ व्ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन 
  • अनुच्छेद 290-क : कुछ देवस्यम् निधियों को वार्षिक संदाय 
  • अनुच्छेद 291 : (निरसित) | 

अध्याय 2 – उधार लेना ( Borrowig

  • अनुच्छेद 293 : राज्यों द्वारा उधार लेना 

अध्याय 3- संपत्ति, संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद ( Property, Contracts, Rights, Liabilities, Obligations and Suits ) 

  • अनुच्छेद 294 : कुछ दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार 
  • अनुच्छेद 295 : अन्य दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों,दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार 
  • अनुच्छेद 296 : राजगानी या व्यपगत या स्वामीविहीन होने से प्रोद्भूत संपत्ति | 
  • अनुच्छेद 297 : राज्यक्षेत्रीय सागर-खंड या महाद्वीपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और अनन्य आर्थिक क्षेत्र के संपत्ति स्रोतों का संघ में निहित होना 
  • अनुच्छेद 298 : व्यापार करने आदि की शक्ति 
  • अनुच्छेद 299 : संविदाएं 
  • अनुच्छेद 300 : वाद और कार्यवाहियां 

अध्याय 4- संपत्ति का अधिकार ( Right to Property

  • अनुच्छेद 300-क : विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना

भाग 13 (Part XIII) भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिजय और समागम ( Trade, Commerce and Intercourse within the Territory of India

  • अनुच्छेद 301 : व्यापार, वाणिज्य और सभागम की स्वतंत्रता 
  • अनुच्छेद 302 : व्यापार, वाणिज्य और सभागम पर निर्बधन अधिरोपित करने की संसद् की शक्ति 
  • अनुच्छेद 303 : व्यापार और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बधन 
  • अनुच्छेद 304 : राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बधन
  • अनुच्छेद 305 : विद्यमान विधियों और राज्यों के एकाधिकार का उपबंध करनेवाली विधियों की व्यावृत्ति 
  • अनुच्छेद 306 : (निरसित) 
  • अनुच्छेद 307 : अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति

अध्याय 1 – सेवाएं ( Services

  • अनुच्छेद 308 : निर्वचन 
  • अनुच्छेद 309 : संघ का राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्ते 
  • अनुच्छेद 310 : संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि 
  • अनुच्छेद 311 : संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना 
  • अनुच्छेद 312 : अखिल भारतीय सेवाएं 
  • अनुच्छेद 312-क : कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहृत करने की संसद् की शक्ति 
  • अनुच्छेद 313 : संक्रमणकालीन उपबंध 
  • अनुच्छेद 314 : (निरसित) 

अध्याय 2- लोक सेवा आयोग ( Public Service Commissions

  • अनुच्छेद 315 : संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग 
  • अनुच्छेद 316 : सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि 
  • अनुच्छेद 317 : लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना 
  • अनुच्छेद 318 : आयोग के सदस्यों और कर्मचारिगृह की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति 
  • अनुच्छेद 319 : आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध 
  • अनुच्छेद 320 : लोक सेवा आयोगों के कृत्य अनुच्छेद 321 : लोक सेवा आयोगों पर कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति 
  • अनुच्छेद 322 : लोक सेवा आयोगों के व्यय अनुच्छेद 322 : लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन

भाग 14-क (Part XIVA) अधिकरण ( Tribunals )

  • अनुच्छेद 323-क : प्रशासनिक अधिकरण
  • अनुच्छेद 323-ख : अन्य विषयों के लिए अधिकरण

भाग 15 (Part XV) निर्वाचन ( Elections

  • अनुच्छेद 324 : निर्वाचनों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन, आयोग में निहित होना 
  • अनुच्छेद 325 : धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक-नामावली में सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना
  • अनुच्छेद 326 : लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना 
  • अनुच्छेद 327 : विधान-मंडलों के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति 
  • अनुच्छेद 328 : किसी राज्य के विधान-मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की उस विधान-मंडल की शक्ति अनुच्छेद 329 : निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन 
  • अनुच्छेद 329-क : (निरसित)

भाग 16 (Part XVII कछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध ( Special provisions relating to Certain Classes

  • अनुच्छेद 330 : लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण | 
  • अनुच्छेद 331 : लोक सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व 
  • अनुच्छेद 332 : राज्यों को विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण 
  • अनुच्छेद 333 : राज्यों की विधानसभाओं में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व 
  • अनुच्छेद 334 : स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का पचास वर्ष के पश्चात न रहना 
  • अनुच्छेद 335 : सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे 
  • अनुच्छेद 336 : कुछ सेवाओं में आंग्ल-भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 337 : आंग्ल-भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान के लिए विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 338 : अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों आदि के लिए विशेष जानकारी अनुच्छेद 339 : अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण 
  • अनुच्छेद 340 : पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति 
  • अनुच्छेद 341 : अनुसूचित जातियां | 
  • अनुच्छेद 342 : अनुसूचित जनजातियाँ

भाग 17 (Part XVII) राजभाषा ( Official Language

अध्याय 1- संघ की भाषा ( Language of the Union

  • अनुच्छेद 343 : संघ की राजभाषा (हिन्दी)
  • अनुच्छेद 344 : राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति

अध्याय 2- प्रादेशिक भाषाएं ( Regional Languages

  • अनुच्छेद 345 : राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं
  • अनुच्छेद 346 : एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और सघ के बीच पत्रादि की राजभाषा 
  • अनुच्छेद 347 : किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जानेवाली भाषा के संबंध में विशेष उपबंध

अध्याय 3- उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि की भाषा ( Language of the Supreme Courts, High Courts etc. ) 

  • अनुच्छेद 348 : उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा 
  • अनुच्छेद 349 : भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया 

अध्याय 4- विशेष निदेश ( Special Directives

  • अनुच्छेद 350 : व्यथा के निवारणके लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा 
  • अनुच्छेद 350-क : प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं 
  • अनुच्छेद 350-ख : भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के लिए विशेष अधिकारी 
  • अनुच्छेद 351: हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश

भाग 18 (Part XVIII) आपात उपबंध ( Emergency Provisions ) 

  • अनुच्छेद 352 : आपात की उद्घोषणा अनुच्छेद 353 : आपात की उद्घोषणा का प्रभाव 
  • अनुच्छेद 354 : जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना 
  • अनुच्छेद 355 : बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की सुरक्षा करने का संघ का कर्तव्य –
  •  अनुच्देद 356 : राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध 
  • अनुच्छेद 357 : अनुच्छेद 356 के अधीन की गई उद्घोषणा के अधीन विधायी शक्तियों का प्रयोग 
  • अनुच्छेद 358 : आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबंधों के निलंबन 
  • अनुच्छेद 359 : आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलबंन 
  • अनुच्छेद 359क : (निरसित) 
  • अनुच्छेद 360 : वित्तीय आपात के बारे में उपबंध

भाग 19 (Part XIX) – Miscelianeous

  • अनुच्छेद 361 : राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण 
  • अनुच्छेद 361-क : संसद और राज्यों के विधान-मंडलों की कार्यवाहियों के प्रकाशन का संरक्षण 
  • अनुच्छेद 362 : (निरसित) 
  • अनुच्छेद 363 : कुछ संविदों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन 
  • अनुच्छेद 363-क : देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और निजी शैलियों का अंत 
  • अनुच्छेद 364 : महापत्तनों और विमानक्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 365 : संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव 
  • अनुच्छेद 366 : परिभाषाएं 
  • अनुच्छेद 367 : निर्वचन

भाग 20 (Part XX) संविधान का संशोधनAmendment of the Constitution

  • अनुच्छेद 368 : संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया

भाग 21 (Part XXI) अस्थायी, सक्रमणकालीन और विशेष उपबंधTemporary, Transitional and Special Provisions

  • अनुच्छेद 369 : राज्य सूची के कुछ विषयों के संबंध में विधि बनाने को संसद की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानों वे समवर्ती सूची के विषय हो 
  • अनुच्छेद 370 : जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध 
  • अनुच्छेद 371 : महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के सम्बन्ध में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 371-क : नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 371-ख : असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 371–ग : मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 371–घ : आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 371-ङ : आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना 
  • अनुच्छेद 371-च : सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध | 
  • अनुच्छेद 371-छ : मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 371-ज : अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 371-झ : गोवा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 372 : विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन 
  • अनुच्छेद 372-क : विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति 
  • अनुच्छेद 373 : निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शक्ति 
  • अनुच्छेद 374 : फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों के और फेडरल न्यायालय में यह परिषद हिज मेजेस्टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध 
  • अनुच्छेद 375 : संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों पदाधिकारियों और अधिकारियों का कृत्य करते रहना 
  • अनुच्छेद 376 : उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध 
  • अनुच्छेद 377 : भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध 
  • अनुच्छेद 378 : लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध 
  • अनुच्छेद 378-क : आंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध 
  • अनुच्छेद 379-391 : (निरसित) 
  • अनुच्छेद 392 : कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति

भाग 22 (Part XXII) संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसनShort Title, Commencement, Authoritative Text In Hindi and Repeals

  • अनुच्छेद 393 : संक्षिप्त नाम
  • अनुच्छेद 394 : प्रारंभ
  • अनुच्छेद 394-क : हिंदी भाषा में प्राधिकृत पाठ 
  • अनुच्छेद 395 : (निरसित)
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