Essential elements in plants – पौधों में आवश्यक पोषक तत्व

Essential elements in plants - पौधों में आवश्यक पोषक तत्व :- पौधों के विकास में हार्मोन्स के साथ-साथ कुछ विशिष्ट तत्वों की भी निर्णायक भूमिका होती है। ये तत्व मुख्यतया निम्न

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Essential Elements In Plants – पौधों में आवश्यक पोषक तत्व

Essential Elements In Plants – पौधों में आवश्यक पोषक तत्व

पौधों के विकास में हार्मोन्स के साथ-साथ कुछ विशिष्ट तत्वों की भी निर्णायक भूमिका होती है। ये तत्व मुख्यतया निम्न

1. ‘न्यूक्लिक अम्ल‘ (RNA + DNA) के निर्माण के लिए | उत्तरदायी है। इसकी कमी से पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं, पार्श्व कलिकाएं प्रसुप्त रहती हैं, पुष्प देर से निकलते हैं, कोशिका-विभाजन रूक जाता है। इसकी अधिकता से पत्तियों __ में वृद्धि अधिक होती है।

2. फास्फोरस (Phosphorus) : ये न्यूक्लियो प्रोटीन में | पाये जाते हैं। कोशिका विभाजन में सहायता करते हैं। ये | फसलों के शीघ्र पकने में भी सहायक होते हैं। जड़ वाली | – फसलें, जैसे-मूली, सलजम, गाजर तथा भूमिगत तने जैसे__ आलू, शकरकन्द आदि फॉस्फोरस की अधिकता से मोटे एवं बड़े हो जाते हैं

3. पोटैशियम (Potassium) : ये कार्बोहाइड्रट तथा प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होते हैं। इसकी अनुपस्थिति में पौधे मंड का निर्माण नहीं कर पाते। इसकी उपलब्धता से पौधों में स्वस्थ फूल, फल तथा बीज बनते हैं।

4. मैगनीशियम (Magnesium) : यह क्लोरोफिल का सर्वप्रमुख अवयव हैं पत्तियों का हरा रंग इसी पर निर्भर करता | है। इसकी कमी से पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं।

5. गन्धक (Sulpher) : यह प्रोटीन निर्माण में सहायक होता हैं यह सरसों के तेल में बहुत अधिक पाया जाता है।

6. सिलिका (Sillica) : यह पत्तियों की सतह या किनारों पर या तनों पर पायी जाती हैं। ये मुख्यतया गेहूँ, गन्ना, कपास आदि में पाये जाते हैं। इनकी उपस्थिति से पत्तियों के किनारे काफी मजबूत हो जाते हैं।

7. जिंक (Zinc) : यह पौधों की वृद्धि में सहायक होता है। इसकी कमी से पौधे छोटे रह जाते हैं। पत्तियाँ अविकसित रह जाती हैं, पत्तियाँ पीली, चितकबरी हो जाती हैं।

पौधों के _वृद्धि हार्मोन ऑक्जीन (Auxin) के निर्माण के लिए उत्तरदायी हैं। धान का ‘खैरा रोग’ (Blight of Rice) तथा आलू का झुलसा रोग इसी की कमी से होता है।

8. ताँबा (Copper) : इसकी कमी से पौधे सूखने व मुरझाने लगते हैं। यह पौधों के एन्जाइम-एस्कार्बिक अम्ल, रायरोसिनेज, का निर्माण करता है। इसकी कमी से नींबू में ‘पश्चमारी’ (Die Back) रोग हो जाता है।

नोट : (1) उपर्युक्त तत्वों को 2 भागों में विभक्त किया गया है

(i) वृहत्, पोषक (Macro Nutrients) तथा

(ii) सूक्ष्म पोषक (Micro Nutrients) तत्व ।

वृहत् पादप पोषक तत्वों की संख्या 9 तथा सूक्ष्म पादप पोषक तत्वों की संख्या 7 है और इस प्रकार कुल पादप पोषक तत्वों की संख्या 16 है।

(2) नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं पोटैशियम को सम्मिलित रूप से क्रांतिक तत्व (Critical Element) कहते हैं। इन्हीं को प्राथमिक पोषक तत्व भी कहते हैं।

(3) ‘मालीब्डेनम’ एक ऐसा तत्व है जो पौधों में नाइट्रोजन के यौगिकीकरण में सहायता करता है।

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