कोशिका किसे कहते हैं | कोशिका क्या है | कोशिका की खोज
कोशिका किसे कहते हैं | कोशिका क्या है » किसी जीव की ‘संरचनात्मक’ एवं ‘कार्यात्मक’ इकाई ( Structural and Functional Unit ) होती है।
कोशिका की खोज » इसकी सर्वप्रथम खोज ‘राबर्ट हुक‘ ने स्वनिर्मित ‘माइक्रोस्कोप’ से की थी (1665 में)। सजीव माध्यम में कोशिका की खोज 1683 ई. में एन्टोनीवॉन ल्यूवेनहॉक नामक वैज्ञानिक ने किया।
कोशिका को ‘प्रकाश सूक्ष्मदर्शी‘ ( Light Microscope ) द्वारा देखा जा सकता है। इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की खोज नॉल एवं रस्का नामक वैज्ञानिकों ने किया।
कोशिकाएं 2 प्रकार की होती हैं-
(i) अविकसित कोशिका ( Prokariotic Cell )
(ii) विकसित कोशिका ( Eukariotic Cell )
कोशिका के मुख्यतया 2 भाग होते हैं-
(i) कोशिका भित्ति या कोशाभित्ति ( Cell Wall )
(ii) जीव द्रव्य ( Protoplasm )
‘कोशिका भित्ति किसी भी कोशिका का वाह्य आवरण बनाती हैं यह सिर्फ वनस्पति कोशिका में पायी जाती है। यह ‘सेल्युलोज’ | (Cellulose) की बनी होती है। जबकि जन्तु कोशिका की वाह्य झिल्ली प्लाज्मा झिल्ली ( Plasma Membrane ) कहलाती है। यह ‘लाइपो प्रोटीन की बनी होती है।
‘जीव द्रव्य‘- किसी भी कोशिका के कोशाभित्ति को छोड़कर शेष सम्पूर्ण भाग ‘जीवद्रव्य’ (Protoplasm) कहलाता | है। यह ‘जीवन का भौतिक आधार’ (Physical Basis of Life) है।
‘जीव द्रव्य‘ (Protoplasm) को 2 भागों में विभाजित किया गया है-
(1) ‘कोशिका द्रव्य‘ ( Cytoplasm )
(2) ‘केन्द्रक‘ ( Nucleus )
कोशिका द्रव्य ( Cytoplasm )
‘केन्द्रक’ और ‘प्लाज्मा मेम्ब्रेन’ ( Plasma Membrane ) – यह जन्तु कोशिकाओं का वाह्य आवरण है) के बीच का भाग ‘कोशाद्रव्य’ या ‘कोशिकाद्रव्य’ कहलाता है। कोशिका के सभी आवश्यक अंग इसी भाग में पाये जाते हैं, जो कि ‘कोशिका अंगक’ ( Cell orgenelles ) कहलाते हैं। ‘कोशिका अंगक’ निम्न
- अन्तःप्रद्रव्यीय जालिका ( Endoplasmic Reticulam ) यह कोशिका का ‘कंकाल तन्त्र’ कहलाता है। अर्थात् इसका मुख्य कार्य है कोशिका को ढाँचा तथा मजबूती प्रदान करना । इस पर ‘राइबोसोम्स‘ ( Ribosomes ) लगे होते हैं, जो ‘प्रोटीन संश्लेषण’ का कार्य करते हैं।
2. माइटोकांड्रिया ( Mitochondria )- इस कोशिका का “ऊर्जा गृह‘ ( Power House ) कहते हैं। क्योंकि इसमें भोजन (सिर्फ कार्बोहाइड्रेट) का आक्सीकरण’ होता है। भोजन के ऑक्सीकरण को कोशिकीय स्वशन या अन्तः स्वशन (Internal _Respiration) कहते हैं। भोजन के ऑक्सीकरण के फलस्वरूप ही ऊर्जा ए.टी.पी. के रूप में बनती तथा संगृहीत होती है।
3. लवक ( Plastids )- ये 3 प्रकार के होते हैं
(i) अवर्णीलवक ( leucoplast )- ये पौधे के रंगहीन भागों में पाये जाते हैं और इनका मुख्य कार्य भोजन का संचय करना है। जैसे- आलू, शकरकंद, गन्ना आदि ।
(ii) वर्णी लवक ( Chromoplast )- ये पौधों के रंगीन भागों में पाये जाते हैं। जैसे–फलों एवं पुष्पों के रंगीन भाग में। टमाटर का लाल रंग। ‘लाइकोपीन’ के कारण होता है। इसी प्रकार गाजर व मिर्च का रंग ‘कैरोरीन’ के कारण, चुकन्दर का ‘बिटानीन’ ओर बैगन का रंग ‘जैन्थोसाइनीन’ के कारण होता है अर्थात् ‘लाइकोपीन’, कैरोटीन, बिटानीन, जैन्थोसाइनीन आदि एक प्रकार के वर्णी लवक’ (Chromoplast) है।
(iii) हरित लवक ( Chloroplast )- इसे पादप कोशिका का रसाई घर (Kitchen room) कहा जाता है। पौधों का हरा रंग इसी के कारण होता है। हरित लवक का मुख्य अवयव (Component) क्लोरोफिल (Chlorophyll) है, जिसमें मैग्नीशियम धातु पायी जाती है। इसका मुख्य कार्य सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति तथा वायु मण्डल के कार्बन डाईऑक्साइड की उपस्थिति में भोजन का निर्माण करना है।
नोट : लवक (Plastids) केवल वनस्पति कोशिका में ही पाये जाते हैं।
4. लाइसोसोम (Lysosomes)– इसमें विभिनन हाइड्रोलिटिक एन्जाइम्स भरे होते हैं। इनका मुख्य कार्य ‘भोजन | पाचन’ (Food Digestion) होता है। जब यह फट जाती है तो कोशिका को नष्ट कर देती है, जिसके कारण इसे कोशिका की | आत्म हत्या की थैली (Suicidal Bag of the Cell) कहते हैं। यह मुख्यतया जन्तु कोशिका में पायी जाती है। यह कोशिका के अवशिष्ट पदार्थों (Waste Material) का अवशोषणा (Absorb) कर लेता है।
5. राइबोसोम (Ribosome)– यह प्रोटीन-निर्माण का कार्य करता है। इसलिए इसे ‘प्रोटीन संश्लेषण का प्लेटफार्म’ | (Plateform of Protein Synthesis) कहते हैं।
6. सेन्ट्रोसोम (Centrosome)– यह केवल जन्तु कोशिका में पाया जाता है। इसका मुख्य कार्य कोशिका-विभाजन में सहायता करना है।
7. गॉल्जी बाडी (Golgie Body)– इसे कोशिका Traffic Police कहा जाता है। इसका मुख्य कार्य वसा (Fat) का संचय | करना है और स्रावण करना है। नोट : उपर्युक्त सभी कोशिकांग ‘कोशिका द्रव्य’ के भाग हैं।
केन्द्रक ( Nucleous )
इसे कोशिका का Director and Controller कहा जाता है। केन्द्रक की खोज 1831 में राबर्ट ब्राउन (Robert Brown) ने की। यह कोशिका के बीच में स्थित होता है और यह कोशिका के सभी कार्यों पर नियन्त्रण रखता है। केन्द्रक छिद्रयुक्त झिल्ली से घिरा होता है, जिसे ‘केन्द्रक झिल्ली’ (Nuclear | Membrane) कहते हैं।
केन्द्रक के 2 भाग होते हैं- (i) केन्द्रिका (Nucleolus) तथा (ii) केन्द्रिक द्रव्य (Nucleoplasm)
डी.एन.ए. और आर. एन. ए. केन्द्रिक द्रव्य में पाये जाते हैं।
(i) सबसे छोटी कोशिका – प्लूरोनियोनिया (P.P.L.U.)
(ii) सबसे बड़ी कोशिका – शुतुरमुर्ग का अंडा (170 x 155 mm)
(iii) सबसे लम्बी कोशिका – तन्त्रिका कोशिका (न्यूरान)
कोशिका में पाये जाने वाले विभिन्न अवयव :
- 1. सर्वाधिक जल 75-85%
- 2. प्रोटीन 9% – 12%
- 3. कार्बोहाईड्रेट 2%
- 4. वसा 2% – 3%
- 5. डी.एन.ए. 0.4%
- 6. आर.एन.ए. 0.7%
- 7. कार्बनिक पदार्थ 0.4%
- 8. अकार्बनिक पदार्थ 1.5%
कोशिका में पाये जाने वाले विभिन्न तत्व :
- 1. ऑक्सीजन 65%
- 2. कार्बन 18%
- 3. हाईड्रोजन 10%
- 4. नाईट्रोजन 2.5%
- 5. कैल्सियम 0.15%
- 6. सोडियम 2%
कोशिका के अध्ययन को ‘कोशिका विज्ञान‘ ( Cytology ) कहते हैं।
नोट : ‘कोशिका की संरचना’ देखें चित्र नं. 1
कोशिका विभाजन ( Cell Division )
कोशिका विभाजन के प्रक्रिया की जानकारी सर्वप्रथम 1855 ई. में विरचाऊ को हुई।
कोशिका में विभाजन तीन तरीके से होता है *
असूत्री विभाजन ( Amitosis ) : जीवाणु, नील हरित शैवाल, यीस्ट, अमीबा तथा कुछ अन्य प्रोटोजोआ आदि जिनमें अविकसित कोशिकाएँ होती हैं, उनमें ‘असूत्री विभाजन’ होती है।
समसूत्री विभाजन ( Mitosis ) : समसूत्री विभाजन सिर्फ कायिक कोशिकाओं (Somatic Cells) में होता है।
- 1882 ई. में ‘वाल्टर फ्लेमिंग’ द्वारा ही कोशिका के इस विभाजन को Mitosis (समसूत्री विभाजन) नाम दिया गया।
- समसूत्री विभाजन इंटरफेज, प्रोफेज, मेटाफेज, एनाफेज तथा टेलोफेज जैसी 5 अवस्थाओं में संपन्न होता है।
- दो कोशिका विभाजनों के बीच की वह अवधि जिसमें कोशिका स्वयं को विभाजन के लिए तैयार करती है, इंटरफेज कहलाती है।
- प्रोफेज विभाजन की प्रथम अवस्था है। इसके अंत तक केंद्रक विलुप्त हो जाता है।
- ‘गुणसूत्र’ मध्य रेखा (Equitorial Plate) पर मेटाफेज में आते हैं।
- एनाफेज सबसे कम अवधि (2-3 मिनट) में संपन्न होने वाली अवस्था है। इसमें क्रोमैटिड
- U.V. या L की आकृति ले लेते हैं।
- समसूत्री विभाजन की अंतिम अवस्था टेलोफेज है।
- समसूत्री विभाजन के परिणामस्वरूप एक जनक कोशिका से दो संतति कोशिकाओं का जन्म होता है।
- समसूत्री विभाजन के परिणाम स्वरूप बने प्रत्येक संतति कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या जनक कोशिका के समान ही होती है।
- विभाजन के कारण जीवों में वृद्धि एवं विकास होता है। कुछ सूक्ष्म जीवों में इसी विभाजन के द्वारा अलैंगिक प्रजनन की क्रिया होती है।
- समसूत्री विभाजन द्वारा शरीर में नवीन कोशिकाओं का निर्माण होता है, इस प्रकार शरीर की मरम्मत होती है एवं घाव भरते हैं।
अर्द्धसूत्री विभाजन ( Meiosis )
- इसे न्यूनकारी विभाजन भी कहते हैं
- इस विभाजन का नाम ‘Meiosis’ 1905 ई. में फार्मर तथा मूरे ने रखा।
- अर्द्धसूत्री विभाजन की ओर वीज मैन द्वारा की गई तथा इसका सर्वप्रथम विस्तृत अध्ययन 1888 ई. में स्ट्रॉसवर्गर ने किया।
- यह विभाजन सिर्फ जनन कोशिकाओं (Sex cells) में होता है।
- अर्द्धसूत्री विभाजन की दो अवस्थाएँ होती हैंअर्द्धसूत्री-I एवं अर्द्धसूत्री-III)
- अर्द्धसूत्री-I विभाजन में चार अवस्थायें आती हैंप्रोफेज-I, मेटाफेज-I, एनाफेज-I तथा टेलोफेज-I।
कोशिका में जीवद्रव्य पाया जाता है जिसे वैज्ञानिक हक्सले ने जीवन का भौतिक आधार बताया।
जीवद्रव्य में सर्वाधिक मात्रा में जल पाया जाता है जबकि कार्बनिक पदार्थ के रूप में सर्वाधिक मात्रा में प्रोटीन पायी जाती है।
जबकि पादप कोशिका का सबसे बड़ा कोशिकांग लवक ( Plastid ) को माना जाता है।
मनुष्य के शरीर की सबसे लम्बी कोशिका तन्त्रिका कोशिका ( Nerve Cells ) या Neuron होती है।
FAQ
कोशिका की खोज
इसकी सर्वप्रथम खोज ‘राबर्ट हुक’ ने स्वनिर्मित ‘माइक्रोस्कोप’ से की थी (1665 में)। सजीव माध्यम में कोशिका की खोज 1683 ई. में एन्टोनीवॉन ल्यूवेनहॉक नामक वैज्ञानिक ने किया।
कोशिका किसे कहते हैं
कोशिका क्या है » किसी जीव की ‘संरचनात्मक’ एवं ‘कार्यात्मक’ इकाई ( Structural and Functional Unit ) होती है।
कोशिका क्या है
कोशिका क्या है » किसी जीव की ‘संरचनात्मक’ एवं ‘कार्यात्मक’ इकाई ( Structural and Functional Unit ) होती है।
कोशिका द्रव्य ( Cytoplasm )
‘केन्द्रक’ और ‘प्लाज्मा मेम्ब्रेन’ ( Plasma Membrane ) – यह जन्तु कोशिकाओं का वाह्य आवरण है) के बीच का भाग ‘कोशाद्रव्य’ या ‘कोशिकाद्रव्य’ कहलाता है। कोशिका के सभी आवश्यक अंग इसी भाग में पाये जाते हैं, जो कि ‘कोशिका अंगक’ ( Cell Orgenelles ) कहलाते हैं।
'लाइसोसोम' ( Lysosome ) का मुख्य कार्य क्या है ?
भोजन-पाचन (Food Digestion)| लाइसोसोम को कोशिका का एटमबम कहा जाता है।
लाइसोसोम को कोशिका का पाचक थैला माना जाता है जिसमें जल अपघटनीय एंजाइम पाये जाते हैं
जिसके द्वारा ये वाह्य एवं अन्तःकोशकीय पाचन में सहायता करता है।
प्रोटीन-संश्लेषण का प्लेटफार्म' (Plateform of Protein Synthesis) कहते हैं ?
‘राइबोसोम’ (Ribosome) को।
‘वसा' (Fat) का संचय कोशिका का कौन-सा अंग करता है ?
‘गाल्जीबाडी’ (Golgie Body)
केन्द्रिक द्रव्य ( Nucleoplasm ) में 'कोशिका की आत्महत्या की थैली' (Suicidal Bag of the Cell) किसे कहते हैं ?
लाइसोसोम ( Lysosome ) को।
'गाजर व मिर्च' के लिए उत्तरदायी 'वर्णी लवक' कौन है ?
-कैरोटीन
भोजन (सिर्फ कार्बोहाइड्रेट) का ऑक्सीकरण कहाँ होता है ?
माइटोकांड्रिया (Mitochondria) में ।
कोशिका का 'ऊर्जा-गृह' (Power House) किसे कहते हैं ?
‘माइटोकांड्रिया’ को।
'जीवन का भौतिक आधार' (Physical Basis of Life) है ?
जीव द्रव्य (Protoplasm)
टमाटर का लाल रंग किस 'वर्णी लवक' (Chromoplast) के कारण होता है ?
‘लाइकोपीन’।
'पर्णहरिम' (Chlorophyll) में कौन-सा तत्व पाया जाता है ?
मैग्नीशियम।
प्रकृति की सबसे बड़ी कोशिका ?
Ostrich Egg (शुतुरमुर्ग का अण्डा) है।
सबसे छोटी कोशिका ?
PPLO (Pleuro Pneumonia Like Organism) या Mycoplasma है।
जो एक जीवाणु कोशिका कोशिका का सबसे छोटा कोशिकांग ?
राइबोसोम होता है
जन्तु कोशिका का सबसे बड़ा कोशिकांग ?
केन्द्रक Nucleus होता है।
कोशिका विभाजन ( Cell Division )
कोशिका विभाजन के प्रक्रिया की जानकारी सर्वप्रथम 1855 ई. में विरचाऊ को हुई। कोशिका में विभाजन तीन तरीके से होता है
असूत्री विभाजन ( Amitosis ) : जीवाणु, नील हरित शैवाल, यीस्ट, अमीबा तथा कुछ अन्य प्रोटोजोआ आदि जिनमें अविकसित कोशिकाएँ होती हैं, उनमें ‘असूत्री विभाजन’ होती है।
समसूत्री विभाजन ( Mitosis ) : समसूत्री विभाजन सिर्फ कायिक कोशिकाओं (Somatic Cells) में होता है।
केन्द्रक ( Nucleous )
इसे कोशिका का Director And Controller कहा जाता है। केन्द्रक की खोज 1831 में राबर्ट ब्राउन (Robert Brown) ने की। यह कोशिका के बीच में स्थित होता है और यह कोशिका के सभी कार्यों पर नियन्त्रण रखता है।