दवाइयाँ – एलर्जी, एंटीजन, एंटीबॉडी
एलर्जी ( Allergy )
एलर्जी कोई बीमारी नहीं है, अपितु यह असंक्रामक अवस्था है, जिसमें कुछ वस्तुओं, जैसे- औषधि, धूलकण, परागकण, पौधे, जन्तु, उष्णता, ठंडक आदि के प्रति व्यक्ति आन्तरिक उत्तेजनात्मक प्रतिक्रिया प्रदर्शित करता है। प्रतिक्रिया के लक्षण त्वचा तथा म्युकस झिल्ली में परिलक्षित होते हैं। प्रतिक्रिया के लक्षण त्वचा तथा म्युकस झिल्ली में परिलक्षित होते हैं। हे बुखार (Hay Fever), अस्थामा (Asthma), एक्जिमा (Eczema) एलर्जी हैं। जब एलर्जी पदार्थ प्रोटीन होते हैं, तब ये ‘एण्टीजन’ (Antizen) कहलाते हैं।
एंटीजन ( Antizen )
ये एक प्रकार के बाह्य सूक्ष्म जीव या पदार्थ होते हैं, जो स्वभावतः प्रोटीन होते हैं और व्यक्ति के रक्त पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। जीवाणु, विषाणु (Foreign Agent) एण्टीजन हैं। एण्टीजन हमारे शरीर में एण्टीबाडी के निर्माण को प्रेरित करते हैं।
एंटीबॉडी( Antibody )
एण्टीजन के विरूद्ध हमारे रक्त में प्रोटीन का निर्माण होता है जिसे ‘एण्टीबाडी’ कहते हैं। एण्टीबाडी हमारे शरीर में, रोग रोधक का कार्य करत हैं। पेन्सिलीन, स्ट्रेप्टोमाइसीन, टेरामाईसीन आदि एण्टीबाडी हैं।
एंटीपायरेटिक्स ( Antipyratics )
यह शरीर के ताप (बुखार) का नियंत्रण करने वाली एक प्रकार की औषधि है।
एनेस्थेटिक्स ( Anaesthetics )
इसका प्रयोग आपरेशन के समय व्यक्ति को मूर्छित (बेहोश) करने के लिए किया जाता है। क्लोरोफार्म, ईथर, सोडियम पेन्टाथाल और नाइट्रस ऑक्साइड (हंसाने वाली गैस) एनेस्थेटिक्स के उदाहरण हैं।
एनलजेसिक्स ( Analgesics )
ये दर्द निवारक औषधियाँ हैं। एस्प्रीन, (Acetylsalicyclin Acid) मारफीन और हीरोइन एनलजेसिक्स के उदाहरण हैं।
एंटीहिस्टामिन ( Antihistamin )
एलर्जी की स्थिति में औषधि के रूप में, अर्थात् अस्थमा, हे बुखार के उपचार हेतु प्रयुक्त औषधियाँ एण्टीहिस्टामिन कहलाती हैं।
ट्रानक्वैलाइजन ( Tranquilizer )
ये अत्यधिक उत्तेजना की स्थिति में तन्त्रिकाओं को शिथिल एवं शान्त (Calm) करने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली औषधियाँ हैं। अर्थात् ये अतयधिक उत्तेजना की स्थिति मेंशारीरिक व मानसिक गतिविधियों को शिथिल करती है।
कैन्सर ( Cancer )
यह एक घातक बीमारी है, जिसमें शरीर की कोशिकाएं अत्यधिक वृद्धि करने लगती हैं, परिणामतः गाँठे बन जाती हैं, जो अन्ततः फूट कर घाव में परिवर्तित हो जाती हैं।
ये घाव कभी भी ठीक नहीं होते और मृत्यु का कारण बनते हैं।
इससे शरीर का कोई भी भाग या अंग प्रभावित हो सकता है।
इसका कारण पराबैगनी किरणें, रासायनिक पदार्थ, नशीले पदार्थ, विषाणु आदि हो सकते हैं।
ब्लड के कैंसर को ‘ल्यूकेमिया‘ (Leukemia), त्वचा के कैंसर को- ‘कार्सिनोमास‘ (Carcinomas), आन्तरिक अंगों के कैंसर को ‘सार्कोमास‘ (Sarcomas), तन्त्रिका तन्त्र के कैंसर को ‘ग्लिओमास (Gliomas), लिम्फ के कैंसर को ‘लिम्फोमास‘ (Limphomas), आँख के कैंसर को ‘रेटिनोब्लास्टोमा‘ Retino-Blastoma– यह आनुवंशिक कैंसर है), मस्तिष्क के कैंसर को मस्तिष्क ट्यूमर (Brain Tumour) कहते हैं। कुल 14 प्रकार के कैंसर आनुवंशिक हैं। रोडेन्ट अल्सर (Rodent Ulcer) एक प्रकार का त्वचा कैंसर है, जो चेहरे (Face) को प्रभावित करता है।